QUOTES ON #ORIGINALWRITING

#originalwriting quotes

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8 JUN 2020 AT 15:10

Life will give many pathways but you have to choose yours

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1 AUG 2020 AT 23:58

खुला रहता है हमेशा, हम बस थोड़ा उलझ जाते है,
असली दरवाज़ा कौन सा है यह समझ नहीं पाते है,
कभी अपने मन की उलझनें छोड़,
दिल से जिंदगी का दरवाज़ा खटखटाते,
जिंदगी दौड़ कर स्वागत करती तुम्हारा हंसते मुस्कुराते।

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8 MAR 2019 AT 1:22

Loss of fuel, Gain of memory:)

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30 JAN 2019 AT 17:53

एकाएक तुम्हारी याद आ गई, बाहर देखा तो बारिश हो रही थी। एक अनजाना सा रिश्ता है ना उसके साथ हमारा। अब वो पहली बार तुमसे मिलना हो, वो फ़ार्महाउस की छत पर गुज़ारी रात, या फिर तुमसे आखिरी बार मिलना, बारिश ने हमारा साथ हमेशा निभाया है। इतनी शिद्दत तो शायद हम दोनों में भी नहीं थी। तुम्हारी प्रमोशन की खुशी में जब पार्टी दी थी, तो हमसे ज़्यादा तो इन बूँदों ने धमाल मचाया था। अरे, मैं कैसे भूल सकता हूँ जब तुम शहर के दूसरे कोने में नज़रबंद थीं और मुझे किसी भी कीमत पर तुम्हें देखना था, कितना अजीब लगता है ना आज के ज़माने में नज़रबंद शब्द सुनना! पर क्या करें, सिर्फ साल आगे बढ़े हैं हमारे देश में, सोच नहीं। धर्म, जाति के आगे प्यार तो साँस भी सौ बार सोच के लेता है। लेकिन बाइक दौड़ा कर तुम्हारे घर के नीचे तुम्हारी एक झलक के लिए खड़ा रहना भी सुकून बख्श था। वैसे ही जैसे आज वो गुज़रे लम्हे इस बारिश में सुकून दे गए मुझे।

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10 MAR 2019 AT 9:46

We have no right to complain,
If we celebrate our sorrows "more"
Than our Happiness!!

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23 NOV 2021 AT 17:59

Agar aapka pyaar aapse badlav maange to pyaar ko hi badal do kyunki aap zindagi bhaar aapne aapko badalte reh jaoge us pyaar k hissab se aur ek din wo pyaar hi badal jaega aapne hisaab se .

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31 MAR AT 14:03

समय का पहिया चलता हैं||
दिन ढलता है रात होती हैं||

सो चुका तू दिन मे रात को कहता है सूरज कहा है|
द्रण जो उसका गरम लगा, कहता है चाँद जलने लगा||
ए मेरे अंजान परिंदे, तू निकल.तू निकल अपने आशियाने से ||
और देख की दुनिया कितनी बड़ी है तेरे सिरहरे से||

समय का पहिया चलता हैं||
दिन ढलता है रात होती हैं||
तू घर से बाहर निकल, अपने जहन मे लाखों बातें बना,फरिस्ते खुद आयेंगे तुझे रह दिखन..
तू बस चलते जाना, रास्ते में पत्थर देखें तू हटाते जाना, बस रुकना मत|
समय का पहिया चलता हैं||
दिन ढलता है रात होती हैं||

ये दुनिया की कस्ती को किनारा तक ले जाना||
और अपनी इस परेक्षा मे उदहीर ho जाना||

समय का पहिया चलता हैं||
दिन ढलता है रात होती हैं||

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7 FEB 2019 AT 10:27

ये फरवरी भी ना बेचैनी का महीना है,
ठंड है, नहीं है, इसी कश्मकश में निकल जाता है,
और बीच के कुछ दिन तो इतनी बेईमानी दिखाता है,
कि लगता है बस लिखते रहो इसकी खूबसूरती के बारे में,
आज सुबह भी कुछ ऐसा ही हुआ,
इतना सुंदर मौसम हो रखा है कि इस बेरहम दिल्ली से फिर इश्क़ करने को दिल कर रहा है,
और सोने पे सुहागा होते हैं हम दीवानों के लिए अचानक से बज उठने वाले पुराने पसंदीदा गाने!
सोनू निगम, उदित नारायण और कुमार सानू के साथ जब सुबह होती है, तो सारी परेशानियाँ दामन छोड़ती सी नज़र आती हैं,
जियो फरवरी, खूब जियो, और यूँ ही इस घुटन से कुछ हसीन पलों की राहत दे दिया करो।

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28 JUL 2020 AT 15:22

माना कि इंतेज़ार की ये धूप कुछ लंबी ठहर गयी है,
लेकिन यकीन मानो ये आंखें अब भी बादलों को ढूंढ रहीं है।

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18 SEP 2017 AT 15:54


















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