उसका फितरत था log बदलना
Woh kaabil था बात बनाने में
उसके kaabiliyat पर तारीफ कम पड़ जाए
और उसके बस चले तो, Janab
woh इश्क में कुछ भी kar jae
शब्दों के पीछे छुपाने वाला हर कोई नहीं होता Shaayar
कुछ लोग शब्दों को अपना Dhal बनाते हैं
पर Asal में woh होते हैं kaayar
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