ख्याल_
ख्यालों का क्या है, ये किसके हुए हैं।
जिसने सिद्दत से चाहा , बेशुमार दुख दिए हैं,
सिर्फ सोच होते हुए भी, दुख बड़ा देते हैं
टूट ते जिनके हैं, वो फुट फुट कर रोते है।
दिल में बसते हैं, मन को उखाड़ते हैं,
टूटे जब ये आंखो से बरसते हैं।।
ख्यालों का क्या है ये किसके हुए हैं।
हकीकत को अफसाना , अफसाने को हकीकत में बदलते हैं,
ये ख्याल है बस ख्यालों की तरह चलते हैं।।
दर्द समझते अगर ख्याल शायद ये टूटा ना करते,
अगर थोड़ा सा भी दिल होता इनके पास ये दूसरो का दिल बेवजह लूटा ना करते।।
ख्यालों का क्या हैं , ये किसके हुए हैं
ना जाने कितने नदानो का लहू पीए हुए हैं।।
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