रात तू क्यूं उदास है तू तन्हा तो नहीं है ये खामोश सी खामोशी तेरे साथ है साथ है ये टिमटिमाते तारे ये चांद की हसीं चांदनी तेरे साथ है ये सुनसान सी राहें सुन सुना रहीं है कुछ कहानियां इनकी दिन भर की दास्तां तेरे साथ है साथ है तेरे ये टिक टिक करतीं वक्त की तराजू हर दर्द और खुशियों की लहक तेरे साथ हैं कहीं इश्क में जागतीं आंखें साथ हैं तेरे कई अश्क भरी आंखें कई टूटे दिलों की दास्तां तेरे साथ हैं दिन भर जो खोये थें जिंदगी की धूप में उनके सुकूऩ की दो घड़ियां तेरे ही पास है कितनी आंखें इन्तज़ार करतीं है तेरा ना जानें कितनों के लिए तू बहुत ख़ास है सन्नाटें की चादर ओढ़े तू खामो़श नहीं ना जानें तुझमें कितने राज़ हैं ऐ रात क्यूं उदास है - K.gaur
I shook hands with the devil but i was careful not to get too close,he lurked and encouraged me as i entertained his whispers but grew frustrated knowing. I only submit to oñe.
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