"पानी में उबाल लाया,चायपत्ती का घोल बनाया कूट अदरक सिलबट्टे पर नर्म दूध को सख्त बनाया इलाइची की महक डाली,मसाले का श्रृंगार कराया फीकी चाय को चूम ओठों से अब जाके कही मीठा बनाया"
मैंने खोया है अपनी हर प्यारी चीज को मैं अपनी किस्मत फिर भी आजमाऊंगा इस ज़मीन पर कोई खास है नही मेरा तू कुबूल करे मैं अपने गवाहों को आसमान से बुलाऊंगा एक शायरी लिखी है कभी मिलोगी तो सुनाऊंगा!!