Chetna Maru 10 JUL 2020 AT 12:35 दुनिया को हकीकत मेरी खुछ भी पता नहीं ,इल्जाम हजारों है और खता कुछ भी नहीं।। - Tulika Garg 12 JUN 2020 AT 9:18 आया नही इल्म़ लिखने का.किलो भाव पड़ी रद्दी , मुंह चिढ़ा रही थी.. - Shriti Chouksey 8 SEP 2019 AT 19:07 क्या लिखूं दुख में लिखूं या खुशी में जो भी लिखती हूँ, वो एक पन्ने में दफन हो जाता है। कोई उन पन्नो को देखे न देखे, वो खुद में सिमट जाता है -