तुम्हें मुझे समझने के लिए मेरे साथ चलना होगा।
तुम्हें मुझे जानने के लिए मेरे साथ चलना होगा।
हां लिखी है एक किताब मैंने खुद पर..
तुम्हें उस किताब को पढ़ना होगा।
किस जज्बात से मेरी जज्बात बहार आते है तुम्हें वहां जाना होगा।
किस बात पर मेरे आंसू बहार आते हैं तुम्हें वह बात याद रखना होगा।
लोगों को मेरी हंसी नजर आती है, पर मैं क्यों इतना हंसती हूं तुम्हें यह समझना होगा।
हां मैं बोलती बहुत हूं, क्योंकि मैंने काई सालों अपने आप एक कमरे में कैद किया हुआ था।
मुझे फिर से वह आजादी के साथ जीने के लिए तुम्हें मेरा साथ देना होगा।
मुझे भूख नहीं है किसी के पैसे की, न मुझे भूख किसी के जैसे एसो आराम की,
हां एक तलब है,मुझमें तेरे साथ वक्त बिताने की,
पर, मुझे बस वो वक्त चाहिए अपने लिए तेरा, जिस पर हक सिर्फ मेरा होगा।।
तुम्हें मुझे समझने के लिए मेरे साथ चलना होगा।
हाँ, तुम्हें मेरे साथ जीने के लिए मेरे साथ चलना होगा।!!
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