उसे मेरे जैसा कोई चाहिए था 'अभि' इसलिए इस नक़ली जमाने मे दिखावे के उसे एक क्या सैकड़ों मिल गए... मुझे बस उसकी ही ख्वाहिश थी इसलिए आज भी तन्हा हूँ क्योंकि हम उसके लौटने के इंतजार में ही रह गए...
बचपन की मस्ती बचपन की उधम-धाड़ वो कागज़ की कश्ती बारिशों की फ़ुहार वो गन्ने के रस की धार घंटी बजा के भागना बार-बार वो साइकिल....वो झूले वो बगीचों की बहार छत पर भाग कर चढ़ना टीवी एन्टीना ऐंठना बारम्बार स्कूल था मक्का-मदीना स्कूल ही था कारागार नकली ही सही पर खूब दौड़ती थी अपनी भी बड़ी कार साथ बैठकर खाता था जब सारा परिवार रूठता न था कोई सभी थे मेरे संबंधी मेरे प्यारे यार जाने कहाँ रह गया...वो बचपन वो बचपन का भोला प्यार - साकेत गर्ग
कुछ लोगों को हम अच्छा समझ लेते है मगर वही अपनी असलियत दिखा जाते है बातें तो बड़ी मीठी मीठी करते है मगर अपनी हरकतें जहरीली दिखा जाते है
दूसरों की ये लोग लाख बुराई करते है मगर उन्हीं बुरे लोगों का आचरण खुद वे अपनाते है ऐसा कर के वे खुद को ही धोखे में रखते है ना जाने आईने में खुद से नजर कैसे मिलाते है
मैं "हाँ" कहूँ उम्मीद लिए, लोग कहे "ना" उस पल, फिर से, क्यूँ सोचूँ मेरी बात को उसी तरह मान लिया जाएगा, दिल से, हर समय समझदार बनूँ, तो ग़म ही आएगा बेशक़ मेरे हिस्से, एक नकली बर्ताव ओढ़ा हैं मैंने, जीने को दुनियां के असल किस्से।
खुश रहने की कोशिश करें खुश हैं दूसरों से दिखावा करें नकली मुस्कान बिखेरें खुश हो खिलखिलाकर हँसे सज संवर कर भी रहें तब भी ... जाने कैसे पता चल जाता है दुखी हैं
वैसे तो बहुत है अपने मेरे🤗 फिर भी लावारिश सी लगती है जिंदगी जब कभी रूठते हो तो, ☹️ फिर दो बूँद इश्क लाते हो आप😍 मैं तो खुशी से मोहब्बत का समन्दर ले आती हूँ थोड़ी सी हलचल सा क्या मचाते हो 😍🤗 मैं तो चाहतों का बवंडर ले आती हू चाहत को मेरी नकली न कहना कभी तेरे प्यार से बचके कहां जाएगी मर ही जाएगी😒☹️