QUOTES ON #दिखता

#दिखता quotes

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11 FEB 2022 AT 18:25

मुताबिक़ ✒️

यहां लगता हीं नहीं
कुछ गलत हीं नहीं है
कुछ गलत हीं नहीं
क्योंकि सब अच्छा है

सब अच्छा हीं है
ऐसा हम सोचते हैं
ऐसा सोचते हीं है
वैसा लगता हीं नहीं

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29 JAN 2019 AT 12:33

Every mistake behind a
hidden reason
so never believe on that what you see.
Try to know that why it's happen.

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6 JUL 2017 AT 21:42

वो बनके किरदार मेरी ज़िन्दगी में दिखता रहा,
वो दोस्ती सुनाता रहा, मैं इश्क़ लिखता रहा!

थी उसकी नज़रों में, हर चीज़ बस तिजा़रत ही,
वो मेरा भाव लगाता रहा, मैं रोज़ बिकता रहा!

एक तरफा ही थी शायद, मेरी राह-ए-मोहब्बत,
वो दूरियाँ बनाता रहा, मैं उसी में मिलता रहा!

मुझे उम्मीद थी वो शक्स, वो बा-वफ़ा होगा,
वो फरेबी घाव बनाता रहा, मैं ज़ख्म सिलता रहा!

ख़ुदा से ना रहा गिला, ना की शिकायत "कुमार",
वो ख़ुद को जलाता रहा, मैं गुलों सा खिलता रहा!

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27 FEB 2022 AT 14:12

जो दिखता
वो तो सब लिखता

ये उद्भव विचारों का
मात्र क्षणिक छाया

जो मानव जीने को
एक एक पर्चा रचता

वो पर्चा से सीखता कहां
उसका तो पूजा करता

क्या हैं परे उस पार
ना तनक कोशिश करता

जो दिखता
वो तो सब लिखता

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11 SEP 2021 AT 16:24

22 22 22 22
देखो तो कैसा दिखता हूँ
मैं तन्हा भी तो अच्छा हूँ।1

क्या बात हुई जो उम्र बढ़ी
दिल से अब भी मैं बच्चा हूँ।2

कोई मिल जाए अब मुझको
मैं इश्क़ का अरमाँ रखता हूँ।3

दिन रात यही मैं सोच रहा
बिन तेरे कैसे जिन्दा हूँ।4

मौसम बारिश का आया है
मैं याद तुझे ही करता हूँ।5

उड़ता फिरता था दूर तलक
लेकिन जाने क्यों डरता हूँ।6

हूँ क़ैद, मगर भूला ये नहीं
मैं ज़ात से एक परिंदा हूँ।7

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16 JUL 2019 AT 0:48

तुम सुन लेते दर्द मेरा
तो मैं यहाँ क्यों लिखता
तुम समझ लेते मुझे
तो मैं यहाँ क्यों दिखता

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7 DEC 2020 AT 22:21

धुन्ध है चारों तरफ़,दिखता कुछ नहीं
तुझको देखे बिन, लिखता कुछ नहीं

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19 AUG 2021 AT 22:31

2122 1122 1122 22/112
जिसको हम ढूँढते हैं दिखता वो चेहरा भी नहीं
हम जिसे चाहते इतना हैं, वो मिलता भी नहीं।1

हम जिसे सोच के बैठे हैं मसीहा अपना
एक पल के लिए उसने हमें सोचा भी नहीं।2

मेरी आँखों ने झपकना भी किया बन्द मगर
एक वो है मुझे आकर कभी देखा भी नहीं।3

प्यार किस्मत में मेरी है या नहीं, क्या जानूँ
किसने देखा कि मेरे हाथ में रेखा भी नहीं।4

दोस्त,दुश्मन मुझे सब एक से लगते हैं "रिया"
साथ मेरे किसी ने उसको है ढूँढा भी नहीं।5

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9 JUL 2021 AT 15:22

आईने के सामने सच नही छिपता
जो जैसा है वो वैसा ही है दिखता
भले ही दुनियाँ मे ओढ़ ले लबादे हजार
आईने से बचकर कोई नही निकलता
एक आईना ही है जो वक़्त- वक़्त पर
तुम्हें खुद से रूबरू है कराता
सच देखकर सामने हर इंसान है घबराता
आईना पहचान होती है चेहरों की
हर चेहरा आईने में खुद को स्पष्ट देख है पाता

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सुनो ना,
आप क्या सोचते हो हमें कुछ पता नही चलता,
आप झूठ बोलकर काम चला लोगे और हमें महसूस तक नही होगा?
लेकिन इन आँखों में जो सच दिखता है उनको कैसे छुपाओगे?

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