QUOTES ON #एकाकी_पथिक

#एकाकी_पथिक quotes

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3 JUL 2018 AT 12:52

अब क्या बताऊँ मैं की कितना एकाकी था मैं
आपने खुद ही के महफ़िलो में।
अब क्या बताऊँ मैं की कितना तन्हा था मैं अपने
खुद के ही रातों में।
ऐसे ही किसी रात, आंगन में आपने
एकाकीपन के साथ चंद को निहार
रहा था। जनता हूँ, चंद मैं दाग हैं
इतने पर रात भर देखे बिना इसको
रहा भी तो नहीं जाता।
अब क्या बताऊँ मैं की खुद देखा मैंने चंद के टुकड़े को मेरे पास आते।
अब क्या बताऊँ मैं के कैसे वो टुकड़ा चांदनी का फ़ूल बन गया।
अब क्या बताऊँ मैं के कैसे वो फ़ूल सीधा मेरे सीने में उतर गया।
अब क्या बताऊँ मैं के कैसे उसने मेरे रातों से तन्हाई को निचोड़ दिया।
अब क्या बताऊँ मैं......

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19 APR 2017 AT 21:55

चाय पत्ती सी हो गयी है परेशानियाँ,

छान भी रहे हैं, पर ज़िन्दगी का स्वाद इन्हीं से है।।

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24 JUL 2017 AT 22:22

"You know what. I like you."

And, and I want to lock you inside 'Chamber of Secrets' of my heart. Where you cast 'Wingardium Leviosa', to make it levitate in love and make me capture in your heart's 'Azkaban Prison' ❤💓❤

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24 JUN 2017 AT 1:23

"I will fill you with Emoticons" - received this from her.

I am still confused between Emotions, Motions and Emoticons. 😂😂

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1 MAY 2017 AT 7:22

गर्मियों की एक सुबह उन्होंने हम से पूछा, "Why are you so happy happy nowadays? Something special?"

हमने हँसते हुए कहा, "Since it's summers, 'Aam' in love." 😂😂

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10 JUL 2017 AT 22:09

If you hadn't ignored me, I'd love to be your Kaleidoscope and make you my VIEWer.

For you I was trying to become newer.
But you left me because of resources, fewer.

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24 JUN 2017 AT 1:12

Typo's and Typ'Os, break the damaged and make the tumultous life respectively. It's just on us how we utilize em'

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2 JUN 2017 AT 22:22

"धरा" को देख "नभ" रो पड़ा।

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25 APR 2017 AT 12:00

स्याही और शब्दों संग मित्रता करने लगे हैं,
अपने जज़्बात पन्नों संग साझा करने लगे हैं।।

अलग ही मज़ा है इस साझेपन का,
इक नई दुनिया के विस्तार में सहयोग करने का।।

कलम की गुदगुदी से,
अब तो पन्ने भी खिलखिला उठते हैं,
अपने अंदर की खुशी और गम दोनों को उन संग बाँटने लगे हैं।।

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16 MAY 2017 AT 23:09

Back to College

"मैंडरिन या चाइनीज़?"

वैसे तो हर चीज़ अपने सही वक्त पर हो तो ठीक रहता है। पर सिर्फ पढ़ाई ही ऐसी चीज़ है, जो कभी भी की जा सकती है। वैसे भी सीखने की कोई उम्र नहीं होती।

(शेष अनुशीर्षक में)

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