QUOTES ON #आशुतोष

#आशुतोष quotes

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29 APR 2018 AT 17:28

ये सफ़र-ए-मोहब्बत, कुछ यूँ तय किया हमने।
कि बस एक तेरे ही सहारे, ये जिंदगी गुज़ार दी।

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ढूंढ़ रहे हो क्यों बाहर,
शिव तो तेरे अंदर हैं.!
सत्य सहज हैं उमापति,
आशुतोष करुणाकर हैं.!

सत्य प्रवर्तक आदि गुरु,
कंकर कंकर शंकर हैं!
जीवन का आधार बनें,
शिव ही सबसे सुंदर हैं.!

सिद्धार्थ मिश्र

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16 MAY 2021 AT 1:02

दिल्लगी छोड़ दी अब मैंने अब मैं सब से बेगाना हूं
सारी दुनिया भूल के भोलेनाथ का दीवाना हूं..

जख्म भी भर जाएंगे चेहरे भी बदल जाएंगे..
करना तुम भोलेनाथ को याद . तुझे हर रूप में महाकाल नजर आएंगे

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8 NOV 2020 AT 14:38

तपिश को तापित करे
तृष्णा को तृप्ति दे,
अश्क़ों से भीगी पलकों को
फिर से उद्दीप्ति दे,
वही त्रासदी है !

विरक्ति के आने से
रिक्ति-सा रिक्त नहीं,
वैराग्य के लालच में
मोह में बंधे नहीं,
शैवत्व के अमृत में
जो मूढ़ता को प्राप्त करे
वही शैव है.......... !!

कथनी की संभार तक
जीवन तक साथ दे,
भस्म से माथे पर
तिलक जैसा चढ़ा दे जो
नश्वर सी संसृति का
संपूर्ण सार हो जो
वही आशुतोष है.......... !!

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23 OCT 2019 AT 18:31

तुम्हारी फाइलों में
Gaw का मौसम
गुलाबी हैं , मगर ये
आंकड़े झूठे हैं , ये
दावा किताबी हैं।

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14 SEP 2019 AT 9:17

(हिंदी दिवस)
देशों की इस भीड़ में
भारत हमारी शान हैं ,
भाषाओं की इस भीड़ में
हिंदी हमारी पहचान है
लाखों भाषाओं के बीच इसका
अलग ही सम्मान हैं,
लोकप्रियता की सूची में
तीसरी इसकी स्थान है।
जय बिहार , जय भारत , जय हिंदी

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11 MAR 2021 AT 9:09

वो अल्प मैं तुष्ट है,
वो आशुतोष है!!

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15 DEC 2019 AT 9:55

ना रुकी वक्त की गर्दिश
और ना जमाना बदला,
पेड़ सूखा तब परिंदो
ने ठिकाना बदला ।।

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4 JUL 2020 AT 16:20

दिल अब भी तुम्हें शिद्दत से चाहें,तो हमे माफ कर देना
कुछ कर्ज मोहब्बत का हमपे उधार हों ,
तो हमें माफ कर देना।
गुजरी बाते भूलकर मन अंदर तक साफ कर देना।
शहद मे घोलकर जो जहर पिलाया था तुमने
लफ़्जों का वो जहर हमपर ना चढ़ा, हमे माफ कर देना।
एक मकसद से तुमने,जो रिश्ता जोड़ा था हमसे,
बेतालुक हुए हम मकसदसे,, हमें माफ़ कर देना
दोस्ती प्यार मोहब्बत सब दिल्लगी हैं तुम्हारे लिए,
गलतीसे हम इश्क समझ बैठें, हमे माफ कर देना।
फितरत तो तुम्हारी भँवरे सी है, जो हर फूल पे मंडराता हैं,
राह में तुम्हारे जो काँटे बोये हों, हमे माफ कर देना
जलने की सजा तो शमा की तकदीर होती हैं,
यहाँ हम जलते रहे परवाने से ,हमे माफ कर देना।
जफ़ा के नाम पर ना संभल कर बैठ रकीब,
वफ़ा हमने खूब निभाई, हमें माफ कर देना।

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2 AUG 2021 AT 7:26

वो शून्य में "सत्य" है
वो "आशुतोष" है !!

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