QUOTES ON #अंगारा

#अंगारा quotes

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4 OCT 2020 AT 20:36

घुटती रही ग़र बेटी,तो क्या अंजाम होगा,
सोचो जरा हैवानों, क्या परिणाम होगा।

कब तक बनी बैठी रहेगी फूल-सी कोमल,
बनेगी हर बेटी अंगारा,अब कोहराम होगा।

सामना ज़ुर्म का करने,उठायेगी कदम अपना,
होगा ख़ंजर हाथों में, ना अब विराम होगा।

ठानो सभी मिलकर, नहीं होगा अत्याचार,
यूँ ख़ामोश रहने से नहीं कुछ काम होगा।

लेकर रूप दुर्गा का,करेगी असुरों का संहार,
सावधान हो जाओ दुष्टों, अब संग्राम होगा।

अग़र नहीं समझे, समझदारी की बातों से,
तो नाम हैवानों के, मौत का इनाम होगा।

प्रश्न करती है"रीतू",देश के उन युवाओं से,
क्या इसी तरह से ही देश का नाम होगा??

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10 JUL 2017 AT 19:45

चाहती हूं अब ऐसा एकांत...
जो सुना दे मुझे मेरे
प्रशांत मन का अशांत शोर...
जो दब गया है दुनिया के कोलाहल मे
जैसे राख मे दबा एक अंगारा हो...
ऐसा अंगारा जिसे हर वक्त
दुनिया ने उपेक्षा के ढेर में गाड़ दिया...
आज मार एक फूंक,उडा दूंगी यह ढेर
अंगारा फिर शोले भडकाएगा....
बस,अब एकांत चाहिए...
सिर्फ एकांत चाहिए...

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9 APR 2017 AT 16:03

इश्क़ के अंगारों से ये जमाना जल पड़ा ,
जब कलम के सहारे मै दीवाना चल पड़ा ।

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19 JUL 2017 AT 23:34

रात कोयले की खान है
सूरज दहकता अंगारा

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16 JAN 2018 AT 0:17

एक जलता हुआ अंगारा हूँ।
राख से पहले का नज़ारा हूँ॥

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जब होगी अंगारे के अन्दर आग
तभी अंगारा भी दहकेगा,
देखोगी जब इश्क भरी नजरों से तुम,
तभी ये प्यार का पुजारी भी बहकेगा!!

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23 MAY 2017 AT 2:12

अंगारो पर चलकर सब में फूल बाँटना
ज़िन्दगी का दूसरा नाम है

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20 JAN 2020 AT 21:10

अक्सर उन्हें अंधेरोमे जलते देखा है...!
जहा उजाला है वहा अपमान होते देखा है...!
बहुत कुछ बदल गया ओ रोशनाई का सितारा..
मगर याद रखना जो जलता है वहीं जलाता है...!

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4 DEC 2019 AT 17:16

लफ्जों के लिए दर्द रुकता नहीं
आँखों से बहा करता है
पता पूछता रहता है सबसे राहत का
ये वो अंगारा है जो
दरिया में रहा करता है

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22 JUN 2020 AT 12:38

वर्षा की ऋतू उमड़ी है घटा
उमड़ी ये घटा बरसे न....
अब तक तरसे अब
और हमे तरसाओ न
बरस जावो न
कैसे सहे सहा जाये न
अब तो बरसो...तरसाओ न
अब तो छाओं...तड़पावो न
बहका है मन जलता बदन
आकर ये आग बुझाओ न
तू भी प्यासी उन्मत्त घटा
गर्मी से भरी ज्वाला से बनी
अंगारे का बदन तपती इच्छा
बह जावो न...
छोड़ो तोड़ो बंधन सारे
रीझो,पिघलो, बह जाओ न
अब तो बरसो...तरसाओ न
अब तो छाओं...तड़पावो न

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