QUOTES ON #PARAS

#paras quotes

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30 JUN 2018 AT 1:45

Be a Mystery, Everybody
knows about it and
Nobody knows what it is.

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27 JUL 2021 AT 18:46

Seelaam paramam bhusanam

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31 JUL 2021 AT 9:47

🇮🇳 read more in captions

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9 JAN 2019 AT 7:53

I am committed to u
I know i can't leave without u
But decided to pratice a dark side,
A long para of my life, without
My day screaming moon by my side
I refer for many opinions
To write this para
But not a single one this time
Take my devil side
While each para frame for u
It difficult remove u
From single lines
Each comma which makes this
Para longer
Takes half of my life
I don't know when we will meet
But the day we will depart
My palm crease will end there
And it's the end of my life.


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4 MAR 2020 AT 0:16

उसके हुस्न की पारस है कुछ ऐसी,
काँच भी छू कर कोहेनूर हो जाता है!
जिस को देख ले वो मस्त आँखों से,
बिन चक्खे वो मतवालों में'
मशहूर हो जाता है॥

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15 APR 2021 AT 19:53

“Be firm in your faith, be courageous in action
Keep your head erect—fear not

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16 APR 2021 AT 17:14

Apologize
when you are wrong and stop looking for quotes that supports your stupidity

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28 DEC 2019 AT 17:46

'''अब पछताएं क्या ---'''
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चाह में जिस पारस के दर दर रोज़ भटके मगर
जब हम पाए पास नज़र को धोखा हो गया

हाथ आई थी खुशी आपार कुछ और हम समझ़े
काश भरते झोली मगर उसे ठोकर मार दिया

हाथ मले क्या कर गुजरे हम नासमझ निकले
हाथ आया पारस को हमने पत्थर बना दिया

सिसकी पड़ी कानों में तब हम पत्थर बने रहे
उस बेफिक्री ने मेरी अब चीख पुकार मचा दिया

समाज सुधारक बनने का हम ढोंग करते चले
पर क्या पता था हमने अपने घोंसले उजाड़ दिया

आंखों पर पट्टी मोटी बांध चले थे हम उस दिन
जीवन बड़ा आसान था हमने मुस्किल बना दिया

उठ रही थी लपटें कहीं मचा हुआ था शोर
आंखें जल रही थी हर तरफ था धुआं-धुआं

नज़र बचाकर हम अपनी चल पड़े घर की ओर
पहुंचे जब वहां तो पाया सब कुछ जला हुआ

ओढ़ पगड़ सम्मान की हर मन पर हम होते
स्वार्थ की चादर में लिपटे कर्मों से मुकर गए

कुहरा घना यह लोभ का यों छाया है ग़ालिब
घर पहुंच न पाएं धुंध में उमर गुज़र गए

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5 MAY 2021 AT 20:50

एतबार से,
इंकार को अपनाने में,
अक्सर सत्य की सीमा पर,
लोग लड़खड़ाते हैं ।

पारस की तलाश में,
अब ना जाता कोई पर्वत पर,
पा लेना चाहते हैं सब,
एक पल के छलावे पर,

जो असफल हुए तो,
दोष किस्मत पर लगाते हैं,
अक्सर सत्य की सीमा पर,
लोग लड़खड़ाते हैं ।

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14 APR 2021 AT 16:51

Character is the prime virtue

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