Aman srivastava 1 JUN 2019 AT 19:40 बस गई है तू मुझमें... सुगंँध मेरी, तुझसी आती है...इत्र कोई भी लगा लूंँ मैं... खुशबू तो तेरी ही आती है... - Rahul Singh 28 JUN 2023 AT 22:45 "आकर्षण" वह अनमोल इत्र है जिसे खूबसूरती की जरूरत नहीं - Abhishek Latta 29 APR 2022 AT 20:31 मुझ से आती तेरी महक को मैं...तेरे 'इश्क के इत्र' का नाम देना चाहता हूँ... - Monika Lukkad 9 JUN 2020 AT 19:03 ए-ज़िंदगी इतराती क्यों है, ए-ज़िन्दगी...थोड़ा हमारा भी ख्याल कर!!जी रहे हैं तुझको तो...यूँ ना बेवजह के सवाल कर!! करेंगे तेरा भी हिसाब... एक दिन ए-ज़िंदगी थोड़ा वक्त आने का इन्तज़ार कर!! - Pinky Gangwar Jain 4 SEP 2020 AT 16:43 तुम और मैं संग केतली फूलों वाली,फिर लाई हैशाम गुलाबोवाली,,,,,,,बाद मुद्दत के, महकती बातेंहोंगी,,इत्र-ऐ-जज्बात से रुहों के प्याले भरेंगे ,,,जिंदगी को,,एक बारी फिर सेखुशबुओं के कारोबारी मिलेंगे,,💕💕 - miss saba🌟 8 DEC 2021 AT 0:01 __तुम मुहल्ले से निकलो तो इत्र लगाकर ____ये खिड़कियां बेताब होती है खुलने को __ - सुनीता 📝 8 OCT 2020 AT 23:24 कुचले कितने गुल जाते तब जा कहीं महकता इत्र है, जाने कितनी रूहों का बोझ, जिस्म पर ढोते हैं लोग। - PRIYANKA CHANDRA 23 JAN 2022 AT 12:50 बहारें मचलने लगी और इत्र जैसी हर एक गली हो गयी फ़िज़ा में उठते कसक को इनसे बड़ी तसल्ली हो गयी।।निगाहें मिली हमारी और इश्क़ खिल कर गुलज़ार हुआओ जाना..तू मेरा पुष्पा और मैं तेरी श्रीवल्ली हो गयी।। - Ragini Mishra 14 JAN 2018 AT 17:58 तेरा एहसास जो छूकर यू जाता है बिन इत्र ही मुझको महका जाता है - Bhoopendra Tiwari 20 DEC 2020 AT 10:42 बेबाक मोहब्बत पे इतना क्यूँ इतरा रहे हो,वो सनम था ही बेवफ़ा तुम क्यूँ मरे जा रहे हो। -