हकीक़त बन गए तुम मेरे
अब ख्यालों में वह अहसास कहाँ,
तुझसे मिलने की देखी राह ऐसी
की रातों में मेरी नींदों में अब वह बात कहाँ ।।
खवाबों मे आना, बिन कहे सब कह जाना
आधी रात उठकर यूँ मुस्कुराना, तुझसे बातें करना
तेरे साथ हर वह पल रहना, अब पहली वाली मैं कहाँ,
तेरी आँखों में देखूँ मैं खुद को
अब आईने की मुझको जरूरत कहाँ,
साथ बिताया हर पल हमारा
अब किसी "date" से कम कहाँ ।।
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