मेरी प्यारी हिन्दी बहुत लोग पूछते है मुझसे तुम्हें हिन्दी इतनी पसंद क्यों है ? मेरा जवाब कुछ यूँ होता है उनके लिए की जब मुझे भाषा का भा भी नहीं पता था तब भी मुझे बहुत कुछ पता था ☺️ अब जब मुझे बहुत कुछ पता है तो भी लगता है मुझे कितना कुछ नहीं पता है 😅 पर हिन्दी सुनने में बोलने में जितनी प्यारीं है न उससे भी कहीं ज़्यादा पढ़ने में है 😊 जो सुकून है इसमें जो प्यार है इसमें जो अपनापन है इसमें और कही नहीं 🧿 क्योंकि हिन्दी है हम और हिंदुस्तान हमारा है ।
हिंदी है हम और हिंदुस्तान हमारा है सारे जहां में ये सबसे प्यारा है आपस के नफ़रतों को ये मिटाता है एक दूसरे में भाईचारा बढ़ता है क्योंकि हिन्दी है हम और हिंदुस्तान हमारा है यहाँ रमज़ान में “राम ” तो दिवाली में है “ अली ” यहाँ हम सब है भाई भाई क्योंकि हिंदी है हम और हिंदुस्तान हमारा है
जो अगर वाक़िफ़ होना है, इस दुनिया से या अपनों से… मुर्शद जेबें ख़ाली ले कर निकलें । भरीं जेबें झूठें दोस्त बनाये, झूठीं महफ़िले बनाये … ख़ाली जेबें अक़्सर , दुनिया की हक़ीक़त से… रूबरू करायें ।