Aaj Har Ek Harf Ka Andaz Badal Rakha Hai,, Allahabad Ka Name Bhi Prayagraj Kar Rakha Hai... Allahabadi Bhi Apni MumTaj Ki Mohabbat Ke Liye,, Apne kamre Me Agra Ka Chota Taj Mahal Bana Rakha Hai...
मैं अद्भुत अविस्मरणीय अद्वितीय हूं। मैं एक नायाब मकबरा ताजमहल हूं। मैं असंख्य मजदूरों की अद्भुत कारीगरी हूं। मैं बेइंतहा मोहब्बत की वो कलाकारी हूं। जिसे देख कर पूरी दुनिया मेरी दीवानी है। कहानी मेरी बेहद पुरानी है। मैं शाहजहां और मुमताज के प्रेम की एक निशानी हूं । उनके अनकहे अल्फाजों की एक याद पुरानी हूं।