कोई बताये जाके संसद के हुक्मरानों से,,,
आफताब को डराया नहीं जाता अंधेरों के फसानो से ,,,,
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हमें Thumsup,Sprite,Fizz नहीं चाहिए ,,,,,
हमें खाना लजीज नहीं चाहिए ,,,,,
तूने सत्ता की हनक में हमारी पगड़ी को ठोकर मारी है साहब ,,,,
हमें ऐसी सत्ता बद्तमीज नहीं चाहिए ,,,,,
सुनो हम भी कुछ कहना चाहते हैं ,,,,
जुल्म सहकर भी खुश रहना चाहते हैं ,,,,
हमें बहलाने की बेतुकी कशिश नहीं चाहिए ,,,,
हम अपनी अधिकार माँगने आए है हमें तुम्हारी बख्शीश नहीं चाहिए ,,,,,
हम खून सुखाते है इस मिट्टी में ,हमें झूका दोगे आँसु गैस के फुहारों से ,,,,,
जली हुई इन्कलाब की लौह को बुझा दोगे पानी के बौछारों से ,,,,,
हम न लाठी की मार ,न कोई हथियार , न जुल्म की बौछार ,न दुख से मरते हैं ,,,,,
विडंबना बस इतनी है "भास्कर" दुनिया को खिलाते है और खुद भूख से मरते हैं ,,,,,,।।
__ _ __ _ _ _🖌️Yuvraj Bhaskar ...
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