Yashwant niriya puriya  
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Joined 6 April 2020


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Joined 6 April 2020
8 NOV 2022 AT 9:16

भय नाशन दुर्मति-हरन ,
कलि में हरि को नाम ।
निश-दिन नानक जो जपे,
सफल होवे सब काम।

श्री गुरुनानक देव जयंती की आप सभी को ढेरों शुभकामनाऐं।

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25 OCT 2022 AT 21:57

मुक्तक

समय की मांग के अनुरूप खुद को ढ़ाल लेते हैं।
स्वयं की ही कसौटी पर स्वयं को साध लेते हैं।
विनाशक बन अगर जाऐं जला दे स्वर्ण की लंका,
सृजनकर्ता अगर हो तो समंदर बांध लेते हैं।

:- यश यशस्वी
(7999277553)

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25 OCT 2022 AT 21:47

कभी तो इन मुश्किलों का हल निकाला जाएगा
आखिर कबतक वर्तमान को भविष्य पे टाला जाएगा

इंतजार है तो उसकी कोई मियाद भी होगी,
अधूरा ख्वाब भला कब तक के पाला जाएगा

हुस्न की आंधी उड़ा ले जाएगी
दिल मेरा कब तक संभाला जाएगा

दोनों ही पहलू तुम्हारी ओर हैं
फिर भी ये सिक्का उछाला जाएगा

झूठ बोलो और जियो सौ साल तक
सच कहोगे मार डाला जाएगा

:- यश यशस्वी
(7999277553)

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28 JUL 2022 AT 11:05

सबको मरना एक दिन, फिर काहे घबराए।

जो डर-डर जीवन जिऐ, वो जीते-जी मर जाए।

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17 JUN 2022 AT 10:06

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
वो मरे नहीं है वीरगति को प्राप्त हुए हैं।
वस्त्र खेल में नहीं रक्त से लिप्त हुए हैं।
तनिक भी उनके शौर्य पे शंका मत करना,
दुश्मन का लहू बहाकर ही वे तृप्त हुए हैं।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
भारत मां का एक और बेटा "भरत यदुवंशी"
देश की सेवा करते करते शहीद हो गया।
हे वीर तुम्हारी शहादत को प्रणाम है।🙏
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

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17 MAY 2022 AT 16:06

****अकड़****

हर समय अकड़,
आखिर कहां लेकर जाओगे इतनी अकड़।

कभी सोचा है , कि कहां होगा इसका अंत।
या चलती रहेगी जीवन परयंत।

कहां तक संभाले रखोगे , अपने गुरूर को,
बेवजह की ज़िद, बढ़ा देगी नासूर को।

अकड़ तो इतनी ज़ालिम है, कि नज़र चुरानी पड़ती है।
कहना हो फिर भी होठों पर, कड़ी लगानी पड़ती है।

जानते तुम भी तो हो , कि गलत तब कौन था?
कौन किसको मना रहा था, कौन अनवरत मौन था?

कौन था जो रात-दिन, शुभ की दुआऐं मांगता था?
कौन था जो कुल की मर्यादा, को नित्-नित् लांघता था?

फिर भला क्यों भूल को, स्वीकार कर लेते नहीं?
भावना के ज्वार को , क्यों शांत कर देते नहीं?

जानता हूं मैं ,कि तेरा भी हृदय बेचैन है।
दिल पे तेरे बोझ है, अश्रु से लबालब नैन है।

चाहती तुम भी तो हो, कि ये समय जल्दी कटे।
रिश्तों की दूरी मिटे , और दिल की गहराई घटे।

तो चलो दोनों अकड़ को, छोड़कर आगे बढ़ें।
तुम भी ज़िद को छोड़ दो, तो हम भी ज़िद पर ना अड़ें।

अबके जो रिश्ता बने , तो और भी गहरा बने।
कोई गर गुस्से में हो , तो दूसरा बहरा बने।

हो अगर राज़ी , तो रिश्तों को नई शुरुवात दो।
छोड़ कर जिद को, सफर में आओ मेरा साथ दो।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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2 MAY 2022 AT 10:21

Status तो दोनों लगाते हैं।
फर्क ये है ,
कि हम उनके लिए लगाते हैं,
और वो हमें Hide करके।

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30 APR 2022 AT 13:55

आज और कल जिन-जिन परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित हुए, उन सभी को मेरी शुभकामनाऐं।
यदि किसी के अंक कम रह गए हो तो वे निराश ना हों।
इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि ये सिर्फ इस परीक्षा का परिणाम है, जिंदगी का नहीं।
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आपके लिए दो पंक्तियां:-

देख मील का पहला पत्थर ,
कदमों को समझाना है।
अभी राह तो शुरू हुई है,
बहुत दूर तक जाना है।

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18 APR 2022 AT 13:04

आप लोगों में से कौन सहायता कर सकता है मेरी कविताओं को कवि सम्मेलनों के मंच तक पहुंचाने में।

यदि कर सकते हैं तो कृपया प्रयास करें
🙏🙏🙏

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16 APR 2022 AT 16:33

क्यों मुझे छोड़कर आज जाने लगी।
आंख आंसू की गंगा बहाने लगी।
मैं तुम्हारे बिना कैसे जी पाऊंगा,
तुम गई भी नहीं याद आने लगी।

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