मैं लिखता जाऊँ सूँ पन्ने पै बिखरता जाऊँ सूँ। जो किमी उकेर दिया, सै वो सुपणा जो ना साकार होया। अंतिम समय म्ह केवल कहूँ इतना आ, अर तेरे दिए शब्दां नै सम्भाल जा।
माणस मेरे जैसे एक रविवार के बोझ तले दब जावै सै। किसी प्यारी गैल्या बात करण के ख्वाब म्ह, बैठे-बैठे मुक जावै सै।
फ़िकर की भी के कहूँ, समझूँ जीवन के लक्खे प्रेम-पत्र है, कदे ना भूलते, दिल म्ह रह्या करै, ये मेरी प्यारी के चित्र सै।
मेरे जैसे माणस किसी के भी ना हो पाए, अक्खर म्ह मिलती ना वे माँ, सदा किसी के खिलौने रहे, मैं भी सोना चाहूं था नीम तले, किन्तु घाम म्ह संवरते मन नै, प्रेम के भी रोने रहे।
माँ, मैं तेरै तै केवल एक बात कहूँ, मैं एक ही भतेरा, मेरे जैसे और ना होवै। इब बात अकड़ म्ह, या वहम म्ह ना कहूँ, जो किमी भोग चुका, जो किमी भोगूँगा, मैं जो किमी कहूँ, 'यष्क' के लिहाज म्ह कहूं।
I think I should just lay down and rot. Decompose. I'll watch the sky turn blue to black and black to blue. I'll watch trees grow and shed their leaves, And become green again. I promise I won't ask for food or water, Neither I will pester you with demands, Of love and hate and thousand other desires.
जद प्रेम किसी तै होवै, किन्तु उस नै नफरत होवै, एक बोलै आप, किन्तु दूजे नै पाप सुणाई देवै, कोई क्रिया-करम नही जो इन के बीच की दूरी पाट पावै, जो दोनुआ नै एक जमीन पै ला पावै।
एक धुन सिर पै सवार रह्या करै, मेरे मन म्ह विचार हजार रह्या करै, मैं स्वीकार करता जाऊँ हूं एक खाली जीवन नै, पर फेर तेरी याद, तेरी बात, मनै झिंझोड़ ही दिया करै।
बेरा ना प्रेम सै या वासना, फ़र्क कदे कर ना पाया, तेरी बातां नै, तेरे मुख नै मन मोहा, पर जोर किसका रह्या, इब तक बेरा ना पाया।
अर्थ नै ले कै झूमती, विषाद नै ठुकरा देवै, गाम की गलियां के भेद कुणसा पावै? बेच-बेच कै, सुखी सै जन वे, म्हारे तन-मन बिकगे, फेर भी कमी आ ही गयी, कित मन सह लेवै था चोट, कमी इस नै भी खा ही गई, रही-सही प्रेम की रीस तोड़गी, मखा, मेरी कितनी सफल दुआ रही, बताऊंगा ऊपर आले नै, जो जीवन की दी।