Yadav Raushan Singh   (Raush...✍️✨)
1.6k Followers · 1.6k Following

read more
Joined 28 October 2020


read more
Joined 28 October 2020
11 NOV 2023 AT 0:47

आपकी सुन ली मैंने,

अब मुझे भी कुछ कहने दो

मेरी पहचान मेरे मैं से है,

तो मैं जैसा हूं मुझे वैसा ही रहने दो।

ये सब्र, इम्तिहान, वफा.. सब है मुझमें
मेरे अंदर भी एक बेईमान रहता है।
मुझे देखकर मेरा किरदार परखने वालों,,,,,
मेरे ज़र्फ में भी आसमान रहता है,

तुम्हें लगता है तुम जान लोगे मुझे पूरी तरह..😄

अब बस भी करो....... तुम रहने दो,,

वाकिफ रहो मेरी मौजूदगी  से बेशक,

मगर पहचान...... रहने दो।।।

-


29 AUG 2023 AT 1:27

लगता है काम आजकल मंदा है तुम्हारा,
ये जो दिलों से खेलने का धंधा है तुम्हारा।

शायद कोई नहीं आज सुनने को
ये कहानी जो हमें सुनाने आए हो,
या फिर किसी ने बेदखल कर दिया अपने दौर - ए जिंदगी से,
जो हमारे साथ वक्त बिताने आए हो।

ये जिस्मानी निगाहें जल्द ही नया शिकार ढूंढ लेगी,
तेरी ये फितरत का बोझ फिर किसी नरम दिल को कुचल देगी,
आज जवान हो तो इतनी बद्दुआएं संभाल लोगे,
कल को चाहिए होगा सहारा तुम्हे भी,
तब क्या करोगे,

गिन रहे होगे जब आखिरी के लम्हें बिस्तर पर,
'और कितने दिन तड़पाओगे भगवान.....
क्यूं मर रहा हूं मैं घुट-घुटकर'
तब वो हर मंजर तुम्हें याद आयेगा,
नजरों के सामने तेरा अतीत जब मंडराएगा,

जब हर श्राप तेरी नसें निचोड़ रही होगी,
हर गालियां तेरी रूह उधेड़ रही होंगी,
तेरे प्राण हर रास्ते तबाह करके जब बाहर आएंगी,
तब शायद तुम्हे दर्द -ए- फरेबी समझ आएगी।।।

-


9 MAR 2023 AT 10:58

अब तक कहानी तमीज वालों में थी,
चलो अब थोड़ा बदतमीज बनते है,
सुन लिया सबकी अपने ख्वाइशों को मारकर,
चलो अब अपनी मर्जी की करते हैं,
ये राज मुकम्मल कर लूं मगर.....
हमराज खफा है आजकल,
मनाना भी नहीं आता मुझे
..... छोड़ो....
अब हम भी दिलों से खेलते हैं।।।
🥀🥀

-


15 JUL 2022 AT 3:18

जब छोटे थे तब ख्वाहिश थी मजे करने की,
पर धीरे–धीरे सारे सपने टूटते गए,
वक्त बदला, लोग बदले और अचानक से हम बड़े हुए,
फिर घरवाले भी छूट से गए,
और क्या बताऊं दास्तान ए जिंदगी साहेब,
पहले तलब थी मां के गोद में सोने की,
अब फिक्रें रातों से नींद भी लूट ले गए।

इस जिंदगी के किस्से में कुछ इस कदर फस गए,
कुछ अनसुलझे राज बाकी थे,
अब वो भी समझ गए,
उम्र थी इस उम्र से इश्क करने,
बस जिम्मेदारियों ने जकड़ लिया,
चाहत है चाहतों को खत्म करने की,
मगर खाली जेब ने जकड़ लिया,
आज अकेला हूं सफर में कोई बात नहीं,
खुशी बस इतनी है,
की मैने वक्त को वक्त के सहारे पकड़ लिया🌡️

-


29 MAR 2022 AT 13:02

कुछ छूटते लम्हों को मैं काफी पीछे छोड़ आया,
डगमगा रहे थे मेरे पैर उस जमीं पर,
इसलिए उस आशियाने को भी तोड़ आया,
सुना है आजकल काफी भीड़ है उसके महल में,
गया मैं भी था,
पर दरवाजा खटखटा के लौट आया।

-


1 MAR 2022 AT 14:55

क्या ममता में थी कमीं,
या दिया तुम्हें कम प्यार।

क्या रोयी नही तुम्हारे लिए,
या वो भटका नही सौ बार।

पर तेरे अपने तो कोई और ही हैं।
वो तो बस एक गैर से हैं।

जब होंगे तेरे कदम उस दहलीज़ पे,
तब ख्याल आएगा,
क्यों तेरे अपने तुझसे बैर से हैं।

-


24 JAN 2022 AT 13:37

जी करता है थोड़ी गलतियां हम भी कर ले,
पर कमबख्त
दिल को चोट लगती है

-


24 JAN 2022 AT 10:42

ये यादाश्त भी बड़ी अजीब सी चीज है,
जिसे याद करो, वो जल्दी याद नही होती,
और जिसे भूलना चाहो,
वही बाते हर वक्त याद आती है……

-


31 DEC 2021 AT 12:31

ये जो जगह–जगह दर्द की
कहानियां सुनाता है,
फरेबी है,
सब झूठ बताता है।

-


24 DEC 2021 AT 12:07

अरे इतनी जल्दी क्या है मैडम,
अभी पूरा दिन बाकि है घर जाने का,
जब तक क्लास की लड़किया घर न पहुंच जाए,
तब तक वक्त रहता है हम सिंगल बंजारों का🤪

-


Fetching Yadav Raushan Singh Quotes