बनके अजनबी मिले है ज़िंदगी के सफर में,इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं,अगर याद करना फितरत है आपकी,तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं।❤️ -
बनके अजनबी मिले है ज़िंदगी के सफर में,इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं,अगर याद करना फितरत है आपकी,तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं।❤️
-
हूं अगर खामोश तो ये न समझ कि मुझे बोलना नहीं आता....😐रुला तो मैं भी सकता थापर मुझे किसी का दिल तोड़ना नहीं आता।💔💔 -
हूं अगर खामोश तो ये न समझ कि मुझे बोलना नहीं आता....😐रुला तो मैं भी सकता थापर मुझे किसी का दिल तोड़ना नहीं आता।💔💔
❤️तलब इतनी कि तुम्हे बाहों में भर लूँ,पर मजबूरी यह कि तुम दूर बहुत हो।❤️ -
❤️तलब इतनी कि तुम्हे बाहों में भर लूँ,पर मजबूरी यह कि तुम दूर बहुत हो।❤️
💔जरूरी हो गया है मुस्कुराते रहना,लोग दर्द मै देखकर सवाल बहुत करते है!!❤️🩹 -
💔जरूरी हो गया है मुस्कुराते रहना,लोग दर्द मै देखकर सवाल बहुत करते है!!❤️🩹
❤️❤️ कोई मिल जाए तुम जैसा यह तो बहुत मुश्किल है ❤️❤️❤️❤️ पर तुम ढूँढ लो हम जैसा मुमकिन ये भी नही🌹❤️❤️ -
❤️❤️ कोई मिल जाए तुम जैसा यह तो बहुत मुश्किल है ❤️❤️❤️❤️ पर तुम ढूँढ लो हम जैसा मुमकिन ये भी नही🌹❤️❤️
❤️😘वक़्त बीत जाये तो लोग भुला देते हैं, बेवजह लोग अपनों को भी रुला देते हैं, जो दिया रात भर रोशनी देता है, सुबह होते ही लोग उसे भी बुझा देता है...!!!😘❤️ -
❤️😘वक़्त बीत जाये तो लोग भुला देते हैं, बेवजह लोग अपनों को भी रुला देते हैं, जो दिया रात भर रोशनी देता है, सुबह होते ही लोग उसे भी बुझा देता है...!!!😘❤️
आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बिमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है.. -
आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बिमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है..
नतीजा देखिए कुछ दिन में क्या से क्या निकल आयाकहीं पे बीज बोया था कहीं पौधा निकल आया -
नतीजा देखिए कुछ दिन में क्या से क्या निकल आयाकहीं पे बीज बोया था कहीं पौधा निकल आया
गर्मी का ये आलम है की …कूलर या ऐसी वाले कमरे से दूसरे कमरे में जाते हैं तो लगता है शिमला से राजस्थान आ गए। 😂😂 -
गर्मी का ये आलम है की …कूलर या ऐसी वाले कमरे से दूसरे कमरे में जाते हैं तो लगता है शिमला से राजस्थान आ गए। 😂😂
एक ज़िद की है दिल से कि फिर से स्कूल जाना चाहता हूँज़िम्मेदारी को रख कर परे, सिर्फ बस्ते का बोझ उठाना चाहता हूँ -
एक ज़िद की है दिल से कि फिर से स्कूल जाना चाहता हूँज़िम्मेदारी को रख कर परे, सिर्फ बस्ते का बोझ उठाना चाहता हूँ