आज बहोत दिनो के बाद, आपका खयाल आया
दिल को बहोत रोकना चाहा मगर रोकना ना आया
फिर से गुंजने लगी तुम्हारी वो प्यारी हसी
बस अब दिल को फिर से संभलना ना आया
फिर से याद आयी वो तुम्हारी प्यार भरी बाते
समुंदर किनारे बितायी वो चांदनी राते
बस वो मौसम फिर से याद आया
मेरी बातो पे तुम्हारा वो गुस्सा होना
फिर पलट के प्यार से बाहो में भर लेना
जो भुलाना चाहा था वही फिर से याद आया
-