>>अपने हक की लड़ाई कभी भी किसी से भी नही लड़ना,आपका हक ईश्वर की रहमत और नेहमत से खुद आपको आपके व्यवहार से और ईश्वर आपकी सादगी को देखकर आपको आपका हक दिला देगा कर्म ही इंसान का हक है और जैसे कर्म करोगे वैसे ही आपको हक की नियति प्राप्त होगी
1.तिनके से ताज तक का सफर तय करने के लिए खामोशी अख्तियार करना जरूरी है 2.जिंदगी गुलाटी खूब मरवाती है और तमाशा लोग देखते है क्योंकि तमाशा दिखाने और करवाने वाले अपने ही कुछ होते है जिन्हे किसी एक अन्य व्यक्ति द्वारा जो ये उकसाया जाता है कि तुम ऐसा करो तब ऐसा मिलेगा और तब ऐसा होगा