तुम परी हो बेटी
चेहरे पे यूँ मुस्कान न होती,
गर आँचल मेरी परियों भरी न होती ।
मेरी खुशी भी तेरे अधरों से होती,
तेरे गम में मैं रो लेती ।
ऊँची उड़ान हो तेरी, फलक पड़ जाये छोटी ,
फक भरी आँखे मेरी, ये आँचल के अनमोल मोती ।
जीवन के मौसम में धूप -छाँव होती रहती ,
डरना मत तू है "बेटी " तुलना जिसकी लक्ष्मी, दुर्गा से होती ।
बदनसीब है वो दामन जो है बिन बेटी ,
जीवन उनका माँ, बहन, बेटी रुप एहसास बिना होती।।
विनी (VANSHI)
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