अफ़सोस होता है देश की जनता को मरते देख,
अफसोस होता है लोगो की मौत का तमाशा देख,
अफ़सोस होता है शमशानों में शवों की कतारें देख,
अफ़सोस होता है देश की सत्ता हाथ में होते हुए भी राज्यों के चुनावों की खातिर देश की जनता को मौत के मुँह में धकेलते देख,
अफ़सोस होता है लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सत्ता की दलाली करते देख,
अफ़सोस होता है देश के हालातों पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में मखौल बनते देख,
अफ़सोस होता है इतने बुरे हालातों में भी रोटी के लिए लोगों को तड़पते देख,
अफसोस होता है इतना कुछ होने पर पर भी मूक दर्शक बनने के लिए!
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