मुश्किलों का कोई सहारा नहीं अब इस जिंदगी में मेरे सिवा कोई मेरा नहीं वक्त में बोलते रहते हैं वक्त वाले लेकिन वक्त का कोई भरोसा नहीं जिंदगी से हमने बस यही सीखा है कि जरूरत में कोई अपना नहीं
खूबसूरत सुबह कभी-कभी दिखाई देती हैं जिस नजर को जिस नजर से देखो वह नजर खुदा को उस नजर से दिखाई देती है, हर दुआ की यही खूबसूरती है, कभी-कभी ख्वाहिशों को पूरा करने में यह दुआ और मन में अब तुम्हारी वो दोनों आंखें दिखाई देती है
अदम के समान हो चला हूं मैं ख्वाहिशों से दूर हो सा गया हूं मैं किसी की ख्वाहिशों में खुशियां होती है मगर मेरे ख्वाहिशों की हदों पर अदम सा ही बन गया हूं मैं
रातों में अंधेरा हर शाम होता है मन में अंधेरा कई बार होता हैं कोई ख्वाहिशों सा आसमान अब तक क्यों सूना सा था मगर इस आसमान के अंधेरे में उजाला सा आया हैं कुछ समय से मैं चुप था मगर अपने रास्ता फिर से आया है कहीं इस अंधेरे मन का हर साख आज जगमगाया हैं तब तक सुना सा था यह जहां पर अब कही नए सफर को लेकर आया हैं