भेजी हुई दुवाओ का लौट के आना सुना हैहमने सोने का खोना "बुरा होना सुना है"अब जो खो गये होतो लौट के न आओगेहमने दिए का "अकेले बुझना सुना है"सुना है हमने अब बड़े गुलाबी हैआपके शहर के मौसमये ऋतुएं क्षणिक है "हमने मुसाफ़िरो से सुना है"अखरी क्षण भी इतने बेरहम न बनो तुमहमने जनाजे का भी "फूलो से सजाना सुना है"हमेशा से इतने शांत नही थे शोरहमने स्थिर रहना "बड़ा होना सुना है" -
भेजी हुई दुवाओ का लौट के आना सुना हैहमने सोने का खोना "बुरा होना सुना है"अब जो खो गये होतो लौट के न आओगेहमने दिए का "अकेले बुझना सुना है"सुना है हमने अब बड़े गुलाबी हैआपके शहर के मौसमये ऋतुएं क्षणिक है "हमने मुसाफ़िरो से सुना है"अखरी क्षण भी इतने बेरहम न बनो तुमहमने जनाजे का भी "फूलो से सजाना सुना है"हमेशा से इतने शांत नही थे शोरहमने स्थिर रहना "बड़ा होना सुना है"
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~हर्फ़_दर_हर्फ़ ठहरते गए हमतुम्हारा जाना हमे बड़ा कर गया… -
~हर्फ़_दर_हर्फ़ ठहरते गए हमतुम्हारा जाना हमे बड़ा कर गया…
वो जाना पहचाना सा चेहराभुला नही मैं रातें कितनी गई…वो मेरे दूर जाने से सहम जाना तेराभुला नही मैं रुत कितनी गईगुस्से मे नाक का ख़ुद-ब-ख़ुद लाल पड़ जानाभुला नही मैं पल कितने गए यू धीरे धीरे तेरा मुझे भूल जानाभुला नही मैं जाना तेरा…… -
वो जाना पहचाना सा चेहराभुला नही मैं रातें कितनी गई…वो मेरे दूर जाने से सहम जाना तेराभुला नही मैं रुत कितनी गईगुस्से मे नाक का ख़ुद-ब-ख़ुद लाल पड़ जानाभुला नही मैं पल कितने गए यू धीरे धीरे तेरा मुझे भूल जानाभुला नही मैं जाना तेरा……
दूवाओ में भी मिल पाना मुमकिन नही उनकाबिछड़ जाना जिनका नामुमकिन सा लगता था! -
दूवाओ में भी मिल पाना मुमकिन नही उनकाबिछड़ जाना जिनका नामुमकिन सा लगता था!
कुछ तुमसे सिखा है, कुछ तुमको सिखा रहे हैतुमसे सिखी हुई चीजे,तुम पे ही अजमा रहे हैशिकस्त खाई है रिश्ते मे,अब मतलब से रिश्ता निभा रहे हैथे नही हम जैसे,वैसे बने जा रहे हैतुमको ही याद करके हम, तुमको भूलना चाह रहे हैकैसी है ये टीस मन कीना छिपा पा रहे है; ना दिखा पा रहे हैअब हमे है समझाना की, हम दूर जा रहे हैभरी दुपहरी में जैसे, तारे टिमटमा रहे हैवैसे ही हम; हमारे गम सांझ से छुपा रहे हैदेखने भर से तुमकोकविताएं बन जाती है हमारीतुमको बिन बताए तुम्हेलिखे जा रहे है … -
कुछ तुमसे सिखा है, कुछ तुमको सिखा रहे हैतुमसे सिखी हुई चीजे,तुम पे ही अजमा रहे हैशिकस्त खाई है रिश्ते मे,अब मतलब से रिश्ता निभा रहे हैथे नही हम जैसे,वैसे बने जा रहे हैतुमको ही याद करके हम, तुमको भूलना चाह रहे हैकैसी है ये टीस मन कीना छिपा पा रहे है; ना दिखा पा रहे हैअब हमे है समझाना की, हम दूर जा रहे हैभरी दुपहरी में जैसे, तारे टिमटमा रहे हैवैसे ही हम; हमारे गम सांझ से छुपा रहे हैदेखने भर से तुमकोकविताएं बन जाती है हमारीतुमको बिन बताए तुम्हेलिखे जा रहे है …
सबके पास है उनके हिस्से की दलीलअब देखना बस ये है ;तुम तुम्हारे दलील से बचा लेती हो या हम हमारी दलील के साथ डूब जाते है … -
सबके पास है उनके हिस्से की दलीलअब देखना बस ये है ;तुम तुम्हारे दलील से बचा लेती हो या हम हमारी दलील के साथ डूब जाते है …
क्या मैं मनाए जाने के काबिल नही था;देखा है तुमको सही होने पे भीमानते हुए लोगो कोपूछने पे बोलते होदेखा है किसी अपने को मानते हुएअपने है कहा ही जाएंगेलौट के घर ही आयेंगेमुझे खास बोलते होक्या मैं उस किरदार के काबिल नही रहामुबारक हो तुम्हे तुम्हारे घरौंदे की खुशियांहमे हमारी बस्ती के गम काफी हैहर बार अपने भी नही आया करते लौट केहा रह जाता है कुछ खाली सा उनके दिलफिर से आपको किसी और को मनाता देखहस लेते है ख़ुद परऔर पूछते है खुद सेक्या इतना ही अपना था मैं ……… -
क्या मैं मनाए जाने के काबिल नही था;देखा है तुमको सही होने पे भीमानते हुए लोगो कोपूछने पे बोलते होदेखा है किसी अपने को मानते हुएअपने है कहा ही जाएंगेलौट के घर ही आयेंगेमुझे खास बोलते होक्या मैं उस किरदार के काबिल नही रहामुबारक हो तुम्हे तुम्हारे घरौंदे की खुशियांहमे हमारी बस्ती के गम काफी हैहर बार अपने भी नही आया करते लौट केहा रह जाता है कुछ खाली सा उनके दिलफिर से आपको किसी और को मनाता देखहस लेते है ख़ुद परऔर पूछते है खुद सेक्या इतना ही अपना था मैं ………
!! मैं शब्द हू, तुम अर्थ होतुम बिना, मैं व्यर्थ हू !! -
!! मैं शब्द हू, तुम अर्थ होतुम बिना, मैं व्यर्थ हू !!
खामोशियां हमारी इतनी ख़ामोश कहा थीये अलग बात है तुम सुनने नही आएरातों में हमारे सपने तो थेवो अलग बात हैं तुम वहां भी नही आएयू बेकरार बस हम कहा थेवो अलग बात हैं तुम जाहिर करने नही आएबे_शक सारी गलती हमारी थीइकरार भी किया हमने तुम सुनने नही आएअब हाल यहां आ पहुंचा हैंखो गए हो तुम और हम भी खुद्दार इतने तुम्हारे पीछे नही आए.... -
खामोशियां हमारी इतनी ख़ामोश कहा थीये अलग बात है तुम सुनने नही आएरातों में हमारे सपने तो थेवो अलग बात हैं तुम वहां भी नही आएयू बेकरार बस हम कहा थेवो अलग बात हैं तुम जाहिर करने नही आएबे_शक सारी गलती हमारी थीइकरार भी किया हमने तुम सुनने नही आएअब हाल यहां आ पहुंचा हैंखो गए हो तुम और हम भी खुद्दार इतने तुम्हारे पीछे नही आए....
अंखियों के मुस्कुराने से क्या फ़र्क पड़ता हैं दूर जाने सेछुपाने वाले छुपा लेते है गम_ए _जुदाईजाने वाले निशा भी मिटा जाते हैंउनके रुसवाई के कोई कब तक ढोएगा उल्फत_ए_बेकरारी का बोझडाली फिर से झुक ही जाती हैं बहार आने से यू बेवफ़ा ना कह देना हमे जमने के सामनेहमने भी सुनाए हैं किस्से हमारे फसाने केदिल में एक निशा हमेशा रहेगा तुम्हारालेकिन वो भी भरता जायेगा किसी और के आने सेहम भी यक-ब-यक कहा बदलेदिखाना पड़ा खुद को ऐसा आपके जाने से…! -
अंखियों के मुस्कुराने से क्या फ़र्क पड़ता हैं दूर जाने सेछुपाने वाले छुपा लेते है गम_ए _जुदाईजाने वाले निशा भी मिटा जाते हैंउनके रुसवाई के कोई कब तक ढोएगा उल्फत_ए_बेकरारी का बोझडाली फिर से झुक ही जाती हैं बहार आने से यू बेवफ़ा ना कह देना हमे जमने के सामनेहमने भी सुनाए हैं किस्से हमारे फसाने केदिल में एक निशा हमेशा रहेगा तुम्हारालेकिन वो भी भरता जायेगा किसी और के आने सेहम भी यक-ब-यक कहा बदलेदिखाना पड़ा खुद को ऐसा आपके जाने से…!