हस्ती खेलती जिदंगी मे कोई तुफान सा आया,
बे वजह बे गुनाह तबाही मचा गया ,
कोशिश थी उसकी मेरी खुशिया छिनने की,
पर जिंदगी की सबसे बड़ी सीख दे के गया,
कुछ लम्हे, कुछ यादे , कुछ हसीन पल दे गया,
कुछ वादे, कुछ ख्वाहिश तोड के गया ,
मेरी अच्छाई छोड़कर, बुराई साथ ले गया,
सपनो सा लगता था, वो अपनो सा लगता था,
पल दो पल मे ही वो पराया हो गया,
हस्ती खेलती जिदंगी मे कोई तुफान सा आया,
बे वजह बे गुनाह तबाही मचा गया ।
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