तुम ठहर जाते तो बात कुछ और होती
तुम बिन कहे समझ जाते तो
बात कुछ और होती
तुम ठीक है जाने दो कहते कहते
सब जाने दिया
उसी वक्त सच को सच स्वीकार कर लेते
तो आज बात कुछ और होती
बदलते वक्त के साथ मजबूत बंधन कमजोर बना दिए
साथ का मतलब समझ पाते तो बात कुछ और होती
हर वक्त दूसरों को अपना है कहते चिल्लाते रहते हो
वास्तव में कौन अपना है जान पाते तो बात कुछ और होती
झूठे रिश्ते दिखावी आंसू को हमेशा अपना बनाते रहे
दिल के रिश्ते क्या होते हैं समझ पाते
तो बात कुछ और होती
तुम ठहर जाते तो,,,........
अलोनवर्षु
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