vaishali parashar   (Vishu Parashar)
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Joined 7 July 2018


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Joined 7 July 2018
20 SEP 2023 AT 22:15

ना जाने किताब के किस पेज पर आकर रुक गई है जिंदगी,
ना पढ़ा जा रहा है, ना पलटा जा रहा है!

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7 JUL 2023 AT 22:31

कुछ लोग अब जहर लगते है!

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7 JUL 2023 AT 20:11

now i realize it.

कुछ दर्द की दवा खामोशी होती है!

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4 JUL 2023 AT 23:07

मैंने देखा है
गहरे घाव सहने वाले लोग,अकसर खामोशी से पेश आते है !

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20 JAN 2023 AT 21:55


महोब्बत का एक चिराग ढूंढ रही हूं!
मैं तुझे खो कर,
फिर से तेरा सुराग ढूंढ रही हूं!!

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5 OCT 2022 AT 10:21

भगवान हमारी जिंदगी में कुछ बुरे लोग
हमारी जिंदगी को और अच्छा बनाने के लिए भेजते है!

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1 OCT 2022 AT 11:21

पत्थरों से ठोकरें खाई,
तब जाकर कही हीरे की पहचान समझ आई !

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9 SEP 2022 AT 21:02

मैंने तुम्हें देखा,
तुम्हारे जैसा किसी और को नही देखा!

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13 AUG 2022 AT 16:18

जिंदगी ने भुक्कड़ समझ रखा है,
हम गम खाए जा रहे है,
और वो परोसे जा रही है।

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7 AUG 2022 AT 23:25

वो दुनिया को जरूर जनता है,
पर जो उसमें दुनिया देखती है,
वो उसे नही जानता है।

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