मेरी आंख से उसका गम छलक तो नही गया, उसे ढूंढ कर कही मैं भटक तो नही गया । ये जो इतनी बेरुखी से देखता है वो मुझे आज कल, कहीं वो शख्स मुझसे ऊब तो नही गया ।।🫥
जो खोल लेता आंखें वो, तो सच उसे भी दिख जाता । महसूस होता, या ना होता, पर वो दर्द उसे भी दिख जाता । वो तो बाजार नही लगता गम का इस दुनिया में, वरना हमारा दर्द भी वहां लाखों में बिकता ।। 🙂🖤