जो कभी रूठ जाऊँ मैं, तो तुम मुझे मना लेना
मुझसे बातें करने की कोई बहाना बना लेना
जो करो कभी Block मुझको
तो लड़ने के लिए ही सही, पर Unblock कर देना
जो कभी रूठ जाऊँ मैं, तो तुम मुझे मना लेना
यही उम्र है, और इसी लम्हे में जीना है मुझे और तुम्हें
मेरे ख़ातिर कहीं से कोई लम्हा चुरा लेना
ये तुम भी जानती हो और मैं भी जानता हूँ
की हमदोनों रह नहीं सकते एकदूसरे के बिना
फ़िर क्यों रूठना, क्यों गुस्सा करना बेवज़ह
कभी गुस्से को भुलाकर, मुस्कुराहट ढूंढ लेना
जो कभी रूठ जाऊँ मैं, तो तुम मुझे मना लेना
कभी जानबूझकर ये गलती भी कर लेना
मेरा No. डायल कर लेना
जो भी हो, पर मेरी साँसें तुमसे ही चलती हैं
गुस्सा, शिकवा, शिक़ायत जो चाहो कर लेना
पर मुझसे कभी दूर न जाना
जो कभी रूठ जाऊँ मैं, तो तुम मुझे मना लेना।
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