Upadhyay Anushka   (Upadhyay Anushka...)
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Joined 24 June 2019


Joined 24 June 2019
8 JUL 2022 AT 0:56

सारा दिन ख़्यालों में घूमते रहते हो...
तुम्हारे पैरों में दर्द नहीं होता क्या...😏...??

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8 JUL 2022 AT 0:49

किसी रोज़...
तुम एक खत बन कर आना...!
मैं लिफाफे की तरह...
बाहें खोल.. इंतजार करूंगी तुम्हारा..!!

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8 JUL 2022 AT 0:41

मुझे तुमसे विरह में
नहीं लिखना है दुख
नहीं लिखनी है पीड़ा
नहीं लिखनी है वेदना ।

बल्कि

मुझे लिखनी है एक बूंद
आशा तुमसे मिलने की
जो मेरे अंतिम सांस तक
मुझे जीवन देती रहे ।।

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8 JUL 2022 AT 0:34

एक कड़वी हकीकत है यह...
इसकी सूरत किसी कहानी से नहीं मिलती...!
सांस तो खुद ब खुद आ ही जाती है...
कमबख़्त जिंदगी आसानी से नहीं मिलती...!!

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8 JUL 2022 AT 0:30

जब...सब खेल खत्म होगा...
जब...किसी बंधन में ना तुम होगे...
जब...मैं भी पाबंदियों से आजाद रहूंगी...
जब...एक दूसरे को अजनबी की तरह देखेंगे....

तब...भी शायद मैं तुम्हें पहचान लूंगी...
क्योंकि...तुम मेरी जिंदगी में एक उम्र तक...
सुखी मिट्टी...पर बारिश की तरह महके हो...
इसलिए शायद जब सब खत्म होगा...
तब भी कहीं मेरी रूह में बचा होगा...
तुम्हारा... सोंधापन...!!

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22 JUN 2022 AT 23:51

कुंठा का घर नहीं होता ....
खीझ‌ को, वो.. जुड़े में खोंस लेती है...!!

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22 JUN 2022 AT 23:47

दर्द लिखती हैं आंखें उसकी...
रोज जिनमें वो काजल भरती है...!!

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22 JUN 2022 AT 23:45

गंगा स्नान उसका संभव नहीं था
आंसुओं में तर...वो पवित्र हो गई..!!

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22 JUN 2022 AT 23:43

कभी-कभी सोचती हूं दहाड़ मार कर रोऊं...
फिर जश्न मनाऊं ... खुद के मर जाने का...!

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22 JAN 2022 AT 14:23

रात्रि की अधरों पर चुप्पी
या उजाले की आशा
नेत्र पर निद्रा के पदचिन्ह
या स्वप्न की तुम्हारी भाषा...❗

स्पर्श पर हाथों का स्पंदन
या भावों का कोलाहल
संग तुम्हारे होने का अमृत
या ना होने का हलाहल...❗

इस जीवन पर विस्मय
या यथार्थ का कोरापन
ह्रदय का तार - तार होना
या होना मन का दर्पण...❗

तुम ही बताओ...
मौन...किस तरह लिखा जाए...❓

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