मुझे ख़ुद से कुछ अलग़ सा प्यार है!
जुनून तो नही, बस ख़ुद पे ऐतबार है..
मुझे ख़ुद से कुछ अलग़ सा प्यार है!
तितलियों जैसे उड़ना , सीखा तो नहीं कभी ..
हाँ पर ...
गिर के संभल जाना , ये किया बार बार है..!
शिकायतें बोहोत है खुद से , औरों से भी हैं थोड़ी..
हाँ पर..
जानती हूँ ये , हिसाब रखता परवरदिगार है..!
मुझे ख़ुद से कुछ अलग़ सा प्यार है!
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