Udit Uttam   (Udit)
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Joined 24 February 2019


Joined 24 February 2019
17 JAN 2022 AT 4:25

नज़र फ़रोग-ए-मेहर-ओ-माह ज़ाहिर है
बला-ए-जाँ है वो, क़ातिल-निगाह ज़ाहिर है

वो लब-ए-ख़ुश्क पे बोसा-लबी रहम का है
मेरे लबों पे निशाँ सुर्ख़-साह ज़ाहिर है

मिले ख़ुदा भी जो उनसे ख़ाना-वीरानी में
फ़िराक़े-यार, हवादिस-ओ-दाह ज़ाहिर है

जवाज़ गोश पे गेसू का बाद से रिश्ता
हुजूमे-ग़म है ये, परवाह-थाह ज़ाहिर है

के फ़ेहरिस्त पे मेरी, है नाम बस तेरा
हनूज़ कह दो फ़क़त 'हाँ', निक़ाह ज़ाहिर है

धड़क-ए-क़ल्ब-ओ-जुम्बिश-ए-लब-ओ-चश्म-ए-नम
ख़ुदा को देख, छूने का गुनाह ज़ाहिर है

लगा के देख लो नुक्ता जबीं पे तुम "बदनाम"
ग़ज़ल-ए-हुस्न-ए-जानां पे 'वाह' ज़ाहिर है

-Udit //अनुशीर्षक पढ़ें

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15 NOV 2021 AT 16:21

बचपना गँवा दिया जवानी की होड़ में,
जवानी गँवा रहे हैं बचपन की खोज में

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10 NOV 2021 AT 14:52

aur bhai,
kaisa hai tu?







mere 100 rupaye
kab dega?

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10 NOV 2021 AT 14:32

After seeing my cover photo;

My followers to me:

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9 NOV 2021 AT 21:03

'मिल्कीवे से एंड्रोमेडा तक'












//अनुशीर्षक में पढ़ें

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18 JUN 2021 AT 9:27

इक रात जब नूर-ए-ज़लामी सो रहा होगा
इक रात जब बादल मुसलसल रो रहा होगा

क़तरा-ए-बाराँ तीर की मानिंद बरसेगा
ये ज़ख्म खाकर जिस्म नीला पड़ गया होगा

उसने मुसीबत मोल ली है अब्र-ए-तीरा से
ज़रख़ेज़ की ख़ातिर, सोचो क्या-क्या सहा होगा

ये सोचता हूँ मैं फक़त इक शे'र की ख़ातिर
बरसात ने जामुन से ऐसा क्या कहा होगा

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2 DEC 2020 AT 12:04

के फ़ेहरिस्त पे मेरी, है नाम बस तेरा
हनूज़ कह दो फ़क़त 'हाँ', निक़ाह ज़ाहिर है

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1 NOV 2020 AT 12:21

न खंजर न आरी न तलवार से
न बंदूक-गोली की बौछार से

क़यामत तो वो कुछ यूँ बरसाती है
फ़क़त अंग-ओ-अंदाम की धार से

चलो! ख़ैरियत, चश्म पे चश्मा है
नहीं, मर जाते नज़रों के वार से

झुका ले नज़र मह्र भी, वो चमक
छुपी है जो सुरमा-ए-अबसार से

वो जल्वा-ए-साग़र-ओ-मीना ही क्या
जो बिखरा नहीं उनके दीदार से

तबस्सुम-ए-जानां पे हारे हैं हम
है मक़तूल-दिल एक अदवार से

-Udit //शेष अनुशीर्षक में

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23 OCT 2020 AT 10:51

वो जल्वा-ए-साग़र-ओ-मीना ही क्या
जो बिखरा नहीं उनके दीदार से

तबस्सुम-ए-जानां पे हारे हैं हम
है मक़तूल-दिल एक अदवार से

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20 OCT 2020 AT 18:03

ना वो रहे, ना हम रहे, ना कोई रिश्ता रह गया
लेकिन पुरानी शर्ट पे, इक बाल उनका रह गया

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