रंगोत्सव
टेसू की बन बन छाई बहार
मानो प्रकृति ने छेड़ी मल्हार
केसरिया पीताम्बरी हुआ जग
कोने - कोने खिल उठा संसार
प्रेम निष्ठा रंगों के फूले पलाश
सहृदयता भाईचारे अरु विश्वास
प्रकृति राधा सम बरसाए रंग
हिय मिल होली राधामाधव संग
हरे गुलाबी रंगों की सजी रंगोली
आओ गुईंयां अरु सखा खेलें होली
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