ये शीतल बहती हवाऐं, आपकी झुकती निगाहें,
फिर आपका शर्माना, फिर हम भी शर्माएँ,
हम खड़े फैला के बाहें, बस हुकुम फरमाएं,
सुकून हम चाहें, दिल में सौ बातें पर कुछ ना बताएं,
तेरा मुस्कुराना मेरी मुस्कानों के लिए लाजिमी,
सुकून देती है, तु ताजगी, असली सुंदरता है तेरी सादगी,
काश ये लम्हा ठहर जाए आज यहीं, बाद में देखेंगे बाद की,
अक्स तेरा कागज पे उकेर शायर बन कर डाली शायरी,
साथ रहना हाथों में हाथ थाम कर,
पुरी जिंदगी अब बैठा तेरे नाम कर,
हैं आवारा होने के इल्जाम मुझपे लाख,
पर छोड़ दी फिकर दुनिया की मैनें हसीन शाम पर,
मिजाज अब खो से गए हैं,
हम जो नहीं थे वो हो से गए हैं,
होश नए हैं, पाले इस दिल ने भी शौक नए हैं,
कैसे हो इलाज अब ये रोग नए हैं,
सब मुमकिन बस तेरे हो जाने से,
मेरा दिल डरता है तेरे रो जाने से,
दिल को है सुकून तेरे रोज आने से,
दिल के नए ठिकाने पर बहाने पुराने हैं।
— तुषार वत्स
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