अपने जिस्म पर कोई घाव मत रखना मुझसे ज़्यादा लगाओ मत रखना तकलीफ़ कितनी होगी तुम नहीं जानतेकाटो भरे रास्तों पर पाओ मत रखना कोई जाना चाहे तो जाने दो उसे जोर ज़बरदस्ती दबाओ मत रखना तुम अच्छे बनो ये अच्छा है किसी से ज़्यादा अच्छा बरताओ मत रखना चाल चलने दो उसे, खेल जानो तुम पहले ही अपना दांँव मत रखनापानी गिरने दो बहाओ आने दो सुखी ज़मीन पर नाव मत रखना GAUSHIA RABBI -
अपने जिस्म पर कोई घाव मत रखना मुझसे ज़्यादा लगाओ मत रखना तकलीफ़ कितनी होगी तुम नहीं जानतेकाटो भरे रास्तों पर पाओ मत रखना कोई जाना चाहे तो जाने दो उसे जोर ज़बरदस्ती दबाओ मत रखना तुम अच्छे बनो ये अच्छा है किसी से ज़्यादा अच्छा बरताओ मत रखना चाल चलने दो उसे, खेल जानो तुम पहले ही अपना दांँव मत रखनापानी गिरने दो बहाओ आने दो सुखी ज़मीन पर नाव मत रखना GAUSHIA RABBI
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लगता है,जिंदगी को काफ़ीवक्त से जान रही हूंँतजुर्बे ही मिले बस,जिंदगी की तलाश में -
लगता है,जिंदगी को काफ़ीवक्त से जान रही हूंँतजुर्बे ही मिले बस,जिंदगी की तलाश में
किस किस के लिए सोचोगे तुम्हारे लिए कौन सोचेगा ?भीड़ में तो लोग पहचानते नहीं ढूंढना ही है तो खुद को ढूंढो शायद तुम्हे भी किसी साथ की जरूरत है अपना हाथ पकड़ो अपने साथ चलो अच्छा बनना, बहुत बुरा होता है फिर बुरा बनो की शायद कुछ अच्छा होसीधे बनने में क्या रखा है, इस्तेमाल ही किए जाओगे बेहतर है खुद के लिए जियो, खुदगर्ज बनो -
किस किस के लिए सोचोगे तुम्हारे लिए कौन सोचेगा ?भीड़ में तो लोग पहचानते नहीं ढूंढना ही है तो खुद को ढूंढो शायद तुम्हे भी किसी साथ की जरूरत है अपना हाथ पकड़ो अपने साथ चलो अच्छा बनना, बहुत बुरा होता है फिर बुरा बनो की शायद कुछ अच्छा होसीधे बनने में क्या रखा है, इस्तेमाल ही किए जाओगे बेहतर है खुद के लिए जियो, खुदगर्ज बनो
किसी की धुन अलग, किसी की राग अलग है वो ज़माना कुछ और था ,अब बात अलग है -
किसी की धुन अलग, किसी की राग अलग है वो ज़माना कुछ और था ,अब बात अलग है
चाय ठंडी भी अब पी लेते है कुछ ऐसी जिंदगी भी जी लेते है -
चाय ठंडी भी अब पी लेते है कुछ ऐसी जिंदगी भी जी लेते है
कुछ गलत नहीं है, सब सही तो है तुम आगे बढ़ रहे हो , जो जहा था सब वही तो है -
कुछ गलत नहीं है, सब सही तो है तुम आगे बढ़ रहे हो , जो जहा था सब वही तो है
“अच्छा दिखना ”और “अच्छा होने ” में फर्क होता है -
“अच्छा दिखना ”और “अच्छा होने ” में फर्क होता है
जिंदगी में गम सहने की आदत डाल लो क्यों की यह जिंदगी एक दिन जान ले कर ही छोरेगी -
जिंदगी में गम सहने की आदत डाल लो क्यों की यह जिंदगी एक दिन जान ले कर ही छोरेगी
मैं दर्द-ए-दिल कहती गई लोग "वाह" "वाह" कहते गए मैं हक़ीक़त कलम में भरती गई लोग कहानी समझ कर पढ़ते गए -
मैं दर्द-ए-दिल कहती गई लोग "वाह" "वाह" कहते गए मैं हक़ीक़त कलम में भरती गई लोग कहानी समझ कर पढ़ते गए
मैंने पूछा दुनिया का सबसे मज़बूत चीज़ ?जवाब आया ईमान फिर,मैंने पूछा दुनिया का सबसे कमज़ोर चीज़ ?जवाब आया भरोसा -
मैंने पूछा दुनिया का सबसे मज़बूत चीज़ ?जवाब आया ईमान फिर,मैंने पूछा दुनिया का सबसे कमज़ोर चीज़ ?जवाब आया भरोसा