काश तुम यहाँ मेरे बाहों में होती, मेरी ज़िंदगी में शायद थोड़ी और ज़िंदगी होती.. ये मिलों के फ़ासलों की दासताएँ, मैंने किसी और रोज़ सुनी होती… काश तुम यहाँ मेरे बाहों में होती ।
अगर तुम्हारी तारीफ़ एक शायरी से ना हो पाए, तो तुम्हारे ख़िदमत में ग़ज़ल लिख देंगे.. अगर तुम ख़फ़ा हो जाओ कभी हमसे, तो मनाने का हुनर सिख लेंगे .. तुम्हारे चेहरे की वो हसी ही तो हमारे जहां में रौनक़ लाती है … तुम्हें खुश रखने की दुआ, हम अपनी क़िस्मत से लिख देंगे ।
मेरा सफ़र मुझे रुकने नहीं देता, मेरा ज़मीर मुझे झुकने नहीं देता, मेरे हर सपने से मेरा एक गहरा रिश्तासा बन चुका है, बस, उन्हें पाने का जुनून मुझे थकने नहीं देता ।
You need to see a Psychiatrist, When you either read too much of philosophy and live less around it Or When you read nothing about it and suffer every moment. It’s always either ways.
वजूद के हिस्से हो जाए तों, पहाड़ भी कंकड़ बन जाते हैं... कोई आता है दूर से, समेटने वो सारे कंकड़.. पास वाली बस्ती में, उसके मतलब का कारोबार जो है पहाड़ की चिक्ख़े सुनायीं नहीं दो आज तक शायद कंकड़ दम छोड़ेंगे किसी दिन...आग़ोश में आके
किसिने पूछा हमसे, प्यार कितने बार हो सकता है..? हमने भी बड़े प्यार से उन्हें कहा, जितने बार तुम्हें खुद के पास आइनेमे देख के ख़ुशी मिले...बस उतने बार तुम्हें “प्यार हो सकता है”..
Replicating others is the weakest form of self existence. Relating others helps you growing. Getting inspired by others keeps you moving. Just getting motivated by others keeps you in a Frame.