स्वास्थ को लेकर बदलते मौसम के अलग- अलग मसले है। जैसे:- Summer:- पेट में गुर-गुर😟 Winter:- नाक में सुर-सुर😤 Rainy:- आछि आछू😪 Autumn: पूरे शरीर में कड़-कड़।😱
आज 'ख़ुदा' भी लगता थोड़ा 'मेहरबान' है बन गया शायद मेरी मोहब्बत का 'निगेहबान' है 'पहलू' में बैठी हैं 'वो' चल रहा उनकी नज़रों का कमाल है मुझे देखने चुपके से उठती है.. नज़रें उनकी पल में शर्म से नीची होकर लेती 'जान' है उनके 'लब'....मेरे लब एक ही सुर में बेक़रार है शायद करना चाहते हैं वो 'ख़ता' जिसे दुनिया कहती 'इक़रार' है
अब और ना रुक पायेगा ये 'काफ़िर' चिल्ला ही उठेगा हाँ मुझे प्यार है..प्यार है..'प्यार है' - साकेत गर्ग
कभी हवा, कभी पानी तो कभी आग हो तुम कभी संगीत, कभी सुर तो कभी राग हो तुम आयी हो वसन्त बनकर पतझड़ से मेरे जीवन में इंद्रधनुषी रंगों से सजी फुहारों वाली फाग हो तुम