QUOTES ON #सिंचित

#सिंचित quotes

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8 APR 2021 AT 21:15

इश्क़ क़तरे सा तेरा, मैं तलातुम में लिपटा,
दोनों की रूह को सींचता एक ही पानी है!

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तू ख़ुद अपना दर्पण शायद
इसीलिए निराश हैं मन!
हर किस्से में दुत्कार हुई नसीब
फिर भी बेशर्मी से मुस्कुराता है मन!!

पग पग पर ठोकरें ही हमने खाई हैं
शायद इसीलिए दिल में ज़िद भी आई है!
स्वत: ही प्यार ठुकरा देते हैं हम
क्योंकि अब नफरत ही सहने की ज़िद करता है मन!!

बचपन से ही कुरेदा अपनों ने
इसीलिए इस हद तक आहत हैं मन!
नहीं चाहिए चाहत किसी की भी अब
अपने ही आंसुओं से सिंचित रहता है मन!!

इश्क प्यार मोहब्बत महज़ लफ्ज़ ही तो हैं
रंग बिरंगी दुनिया का प्रतिबिम्ब ही तो है!
बेकार है इंद्रधनुषी सतरंगी मौसम!
अपने ही अंधकार मे खुश रहता है मन!!

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15 AUG 2017 AT 9:50

भेदभाव से हर गरीबों का सीना रंजीत
खाक जियेंगे प्रेम भाव को कर के सिंचित
जब एकता दिखती है यहाँ खंडित खंडित
क्या अब भी नहीं करोगे उन सबों को दंडित
कुकर्म किये जो करते खुद को महिमामंडित!

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8 APR 2017 AT 18:05

तर बतर है रक्क्तरंजित,
जब छोड़ गये मुझे कर अनुरंजित,
रागरंजित का भाव नहीं...
जब टुटा पाया सिर्फ शब्द सिंचित।

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7 MAR 2017 AT 6:29

The purity of Heart often signifies You! as a Naive

आज भी जियूँ मैं शब्द सिंचित...
फिर क्यूँ हो गये!अब मेरे स्वर किंचित...

न कुंठित हूँ...
न भयभीत मैं!
थोड़ा सा हो गया, बस अर्धमूर्छित!

किये चिन्हित,मेरे नेक विचारों को
किया शब्दों में भी,वो!खूब वर्णित
सराहा भी हर सूक्ष्म प्रयासों को
देकर सलाम इस नादान बालक को
वो कर गये थे!कुछ यूँ महिमामंडित

फिर क्यूँ मिलता,मेरे आसंग को
टुटा डोर वही और मेरे रंजित फिर से खंडित!!!

माना सब महान हैं...
उनकी अपनी जहां है...
मैं भी तो इस जहां का वासी...
फिर मेरा कहाँ निशां है!!!!

फिर करना क्या!कुपित मैं बोल उठा...
लो जियो मुर्ख!
लेकर फिर से,वैसा ही कुछ अंजाम अर्जित
वो क्यूँ ! समझ नहीं पाते हैं
मेरा उद्देश्य नहीं,होना चर्चित...
कर किसी को आहत मूर्छित

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30 JUN 2020 AT 1:48

अब हर भारतवासी अभिलाषी है ,
दुश्मन तेरे मस्तको से इस मातृभूमि को बलिदान चढ़ानी है और ये भारत भूमि भी प्यासी है , दुश्मन तेरे रक्त से सिंचित कर देंगे अबकी जो आया रण में "सर" धड़ से अलग कर देंगे।
अब वो वक़्त गया वो दौर गया हमने क्षमा करना छोड़ दिया अब एक सिपाही के बदले तेरे सैकड़ो सिपाही मार गिराएंगे।
अब हर भारतवासी है अभिलाषी है,....................

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5 MAY 2022 AT 22:06

संबंध जबरदस्ती तो नहीं जोड़े जाते,
ना ही कभी जबरदस्ती जुड़ सकते हैं
संबंध तो मन से मन का होता है
एक इंसान के मन के कारण,
दूसरा मन कैसे राजी हो सकता है ?

लोग समझते क्यों नहीं कि,
संबंध जबरदस्ती नहीं जोड़े जाते
ना ही कभी जबरदस्ती जुड़ सकते हैं

संबंध तो पवित्र प्रेम का पौधा होता है
जो एक बार में ही,
ढेर सारा जल पाकर बड़ा नहीं होता
उसे धीरे-धीरे वक्त के साथ,
स्नेह से सिंचित करना होता है

ना जाने लोग समझते क्यों नहीं कि
संबंध जबरदस्ती नहीं जोड़े जाते
ना ही कभी जबरदस्ती जुड़ सकते हैं ।— % &

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7 FEB 2019 AT 10:43

प्रिये सखी आपको
आपके जज्बातों को
आपके अहसासों को
आपके नैनों की कोर ठहरे
अश्रुअन धारो को
प्रेम की फुहारो से
निज प्रेम धारो से
सिंचित होती रहना
यादों की श्रंगारो से.

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