QUOTES ON #विश्वपुस्तकदिवस

#विश्वपुस्तकदिवस quotes

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23 APR 2021 AT 12:00

2021 में अभी तक आपने किन पुस्तकों को पढ़ा
अथवा पढ़ रहे हैं ?
ध्यान दें, 2021 के पहले पढ़ी हुई
पुस्तकों का ज़िक्र नहीं करना है !

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23 APR 2020 AT 12:13

किताबें जन्नत सी लगती हैं

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23 APR 2021 AT 19:19

कुछ लोगों ने मुझसे पूछा तुम्हारा
"किताबों" से क्या "नाता" है,
मैं बोली बस इतना सा "नाता" है की
जो मेरे "अंदर चलता" है वो "लोगों" में बहुत "कम",
"किताबों" की "पंक्तियों" में "अधिक" मिल पाता है..!!
(:--स्तुति)

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24 APR 2020 AT 8:19

कभी कभी मुझे किताबें जन्नत सी लगतीं हैं
क्योंकि वो समय देख रूख नहीं बदलती हैं
चाहे जितना सुख हो या चाहे जितना ग़म
एक सा ही रहे इन किताबों का रंग हरदम
ये बेज़ुबां किताबें बेशुमार जज़्बात रखतीं हैं
जब खुश हों हम तो हमारे साथ मुस्कराती हैं
ग़र हों दुःखी तो हमारे अश्कों को खुद में समातीं हैं
भटकें जो कहीं तो सही रास्ता हमें ये दिखातीं हैं
इंसानों से ज़्यादा ये बेज़ुबां किताबें दोस्ती निभातीं हैं
बस इसीलिए मुझे किताबें जन्नत सी लगतीं हैं .......

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23 APR 2020 AT 13:39

जीवन का आधार किताबें।
मेरा पहला प्यार किताबें।

निपट निराशा में आशा का,
करती हैं संचार किताबें।

ख़ुशियां दुगुनी हो जाती हैं,
जब मिलती उपहार किताबें।

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23 APR 2020 AT 13:45

जड़ हो कर भी चेतनता पर,
करती हैं उपकार किताबें।

तरह-तरह के विषय हज़ारों,
खोलें सबके द्वार किताबें।

शब्दों को औजार बना कर,
ढहा चुकी दीवार किताबें।

तालाबंदी की हालत में,
"वर्षा" का संसार किताबें।

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23 APR 2021 AT 12:44

किताबें कभी धोखा नहीं देती दोस्तों,
किताबें अक्सर धोखों से बचाती है..

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23 APR 2020 AT 12:37


किताबें जन्नत-सी लगती हैं
यही हैं जो मुझे समझती हैं
और जिनको मैं समझती हूं
यही हैं जो मेरी कल्पना को
उड़ान देती हैं
और फिर कलम के माध्यम से
कागज़ पर उकेरती हैं

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23 APR 2017 AT 21:23

' किताब'

मैं कभी किसी को तुम्हें उधार भी नहीं देता,
भला कोई अपनी महबूबा किसी को उधार देता है
जब कभी तुम्हारे शब्दों को उसके अर्थों में घोलकर पी रहा होता हूँ तो तुम्हारा मौन दहाड़ रहा होता है
तुम बड़ी बातूनी हो सोने ही नही देती,पर
तुम्हारे एक एक शब्द पर मैं कई कई रातें कुछ सेकेंडों में गुजार दिया करता हूँ,
तुम मेरे जीवन में रेडियो की आवाज़ की तरह हो जिसके बिना रेडियो कबाड़ हो जाता है
चलो तुम हो तो मैं जिंदा हूँ नहीं तो इस खामोश दुनिया में जहाँ लोगों के पास खुद के लिए वक्त नहीं मेरे लिए कौन निकालता।
(Rest in Caption)

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24 APR 2018 AT 10:00

अकेले नही होते वो जो किताबों से दोस्ती करते हैं।
कोई साथ छोड़कर जाये तो भी किताबें हमारे साथ रहती है।

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