तुम उस खौफनाक दौर से
गुजर रहे हो,
जहां तुम्हारी ही कठोरता
तुम्हारे मुस्कान की दुश्मन बन
गई है,
तुम खुद को दुनिया के लिए
बदलते बदलते इतने कठोर हो
गए हो,
की तुम्हें खुशियां भी रास नहीं आती
तुम जैसे थे बस वैसे रहो,
अपने लिए अपनो के लिए
और आने वाले
खूबसूरत कल के लिए..!!
:--स्तुति
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