QUOTES ON #बच्चें

#बच्चें quotes

Trending | Latest
30 JUN 2018 AT 4:12

दरख़्त से गिरी वो पत्तियाँ,
है असहाय पीड़ा में..
कुचले जाने के डर से,

है दबी चिल्लाहटों में..
अस्तित्व खोने के डर से,
दरख़्त से गिरी वो पत्तियाँ,
.
.
.
किसी ज़िद्दी तूफान के गुज़रने भर का असर है,
क्षीणता को भोग रही वो गिरी पतियाँ !!

-


10 FEB 2022 AT 20:59

लड़कियों की शादी कम उम्र में न करें 😥










नादान होने के कारण वो अपने बच्चे के आधे कुरकुरे खुद खा लेती है.....😂🤣

-



माँ ने दूध में ज़रा सा पानी मिलाया था...
बच्चे दो थे...हिसाब लगाया था,.,!!

-


7 AUG 2020 AT 12:33

आजकल,
जिस उम्र में ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित होना चाहिए,
उस उम्र में बच्चों के दिल टूट रहें हैं,
जिस उम्र में हमें प्यार का मतलब पता नहीं था,
उसपर आज के बच्चे पूरा कोर्स कर चुके हैं,
ख़ैर, प्यार के खिलाफ नहीं हैं हम,
पर "ये जो प्यार है, क्या सच में प्यार है?"
शराब, सिगरेट जैसे नशे को अपनी शान समझ रहें हैं,
मार-पीट, गालियां इनकी शोभा बढ़ा रहे,
और इसपर इन्हें गर्व महसूस होता है,यही नहीं,
ये मोबाइल पर क्या कर रहे? ख़ैर ये तो सभी जानते हैं,
और अगर इस बारे में बात करो किसी से तो सबका एक ही कहना है,
"समाज ही ऐसा हो गया है क्या करें।"
क्या सच में? यदि ऐसा है तो मुझे बताइये कि
"समाज" कैसे बनता है?
कहते हैं, "बच्चें देश का भविष्य है।"
क्या सच में?
अगर ऐसा है, तो ख़ुद समझ जाइये कि,
हमारे देश का भविष्य किस तऱफ अग्रसर हो रहा है।

-


7 APR 2019 AT 23:24

जिज्ञासा बालमन की,होती है बड़ी प्यारी,
हर बात पर सवालों की होती गोलीबारी,
ये क्या है?ये कैसे होता है?
इससे क्या होता?ऐसे हज़ारों सवाल,
किसके पास जाए, किससे पूछें,
सबसे बुरा होता है मां का हाल,
उनके लिए तो नया है सबकुछ,
सारा संसार एक खुली किताब हो जैसे,
अनोखी उनकी ज्ञान पिपासा,
बालमन की भोली जिज्ञासा।

-


22 JUL 2020 AT 23:06

नादां है लेकिन पढ़ना चाहते हैं अफ़सोस कि रूढ़ीवादी पढ़ाने नहीं देते।
सीढ़ियाँ है फर्श से अर्श जाने को अफ़सोस की भ्रष्टाचारी चढ़ाने नहीं देते।
बहुत कोशिशें की हमने बाग को सजाने की और कोशिशें अभी भी जारी है,
आगे बढ़ने की चाह है नोनिहालों में,पर अभिमानी आगे बढ़ाने नहीं देते।।

-



ये रोटियां भी मयस्सर नहीं सभी को
मैं सोच कैसे लूं खुशी मिलेगी यहाँ सभी को ।

बिना पेट भरे बच्चें जहां घूमते हो
ऐसे कैसे जिंदगी में खुश रखेंगे सभी को ।

-


14 NOV 2019 AT 9:24

अपने जज्बातों को छुपा ना पाते थे,
सच्चे थे इसलिए सबके सामने रो जाते थे,
जिद्द कर बात को अपनी, बना लिया करते थे
पिता के कंधे पर, तो माँ की गोद मे सो लिया करते थे,
बोझ के नाम पर बस्ता था, उठा कर चल दिया करते थे,
मद-मस्त हँसते थे, मस्ती में झूम लिया करते थे,
गली-गली, हर घर-घर अपना, समझ लिया करते थे,
बच्चे थे साहब, सबको अपना कर लिया करते थे।

M.J.

-


3 FEB 2021 AT 0:37

बड्पन किस्से कहे ते पता है?
जब बच्चे ओर बुज़ुर्ग हमारे सामने दिल खोल कर बाते कर पाते हो !
( अलहम्दुलिल्लाह)

-


26 MAY 2021 AT 12:11

खबर है मन को तुम्हारे न आने की
फिर भी मासूम मन...
तुम्हारे आने का इंतजार करता हैं
"माँ"...

-