'वर्तमान युवा पीढी की विडंबना'
सारा समय हम बस दबाव में रहते है की जीतना है।
क्या संघर्ष की कोई कीमत नहीं???
लोग हमारी सफलता का जश्न मानते हैं, पर कभी संघर्ष करने वाले की मेहनत और दुःख को नही देख पाते ! अगर तुम अपना कर्म कर रहे हो ईमानदारी से तो सफलता के दबाव में मत रहो, परिणाम जो भी होगा स्वीकार करना। परिवार और समाज सफलता के मोह में बच्चो का आत्मविश्वास तोड़ देते है......थोड़ा धीरज रखिये उसको सहारा दीजिये शायद और महेनत करके वो सफल हो जाए !!
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