QUOTES ON #नए

#नए quotes

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19 SEP 2018 AT 16:51

सूखे पत्ते बन, झड़ जाए.... या.... !
नए पत्ते बन, तुम पे, ठहर जाए ।
बता....!
तेरे शाख पे, किस अदा से? नज़र आए ..।।

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14 MAR 2022 AT 14:03

नए नए इंसान मिलते है
उनसे नए नए एहसास जुटते हैं।
और जुटे हुए एहसास को हम हमेशा याद रखे ऐसे इंसान वो बन जाते है
और खुद को बेकसूर जताते हुए छोड़ के चले भी जाते है।।

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11 DEC 2022 AT 0:08

इसी सोच में कहीं जिंदगी गुजर न जाए
शुरुआत तो करनी पड़ेगी
जीवन में आगे बढ़ने के लिए
खुद को तपाना पड़ेगा
खुद की लड़ाई
खुद से लड़नी पड़ेगी
आज नहीं तो कल
वक्त के महत्व को समझना पड़ेगा
किसी चीज को पाने के लिए
साहस तो जुटाना पड़ेगा

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21 AUG 2023 AT 19:35


जिंदगी के गीत गुनगुनाना है
नए -नए ख़्वाब बुनते हुए
नए सपने सजाना है
जिंदगी के सफर में
न रुकना है न थकना है
जिंदगी के रंग में रंगते जाना है
टेढ़ी-मेढ़ी राहों पर आगे बढ़ते जाना है
चलते जाना है...

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18 JAN 2018 AT 0:42

नए शहर का
कुछ अनोखा अनुभव रहा।

रूह राह देखते रही,
और जिस्म बिकता रहा।

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15 JAN 2018 AT 14:03

ना करवाओ ये
नए वादे तुम मुझसे,
उन पुराने वादों का बोझ
अब रूह से झेला नहीं जाता जनाब।।

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30 APR 2017 AT 10:57


किसी को मंज़िल तक पहुंचायें
किसी के राह में बिखर गये,
कहीं-कहीं पर धूमिल-धूमिल
कहीं रुपहले होते हैं।

ख्वाब हैं आखिर टूट जायं तो,
नये ख्वाब तुम बुन लेना;
माला गर टूट जाय तो
मोती नये पिरोते हैं।

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2 JUL 2017 AT 19:00

अब उतार देता हूँ,
चादर ईमानदारी वाली,
बहुत बोझ लगने लगा हैं !

चमक इसकी धुंधली सी पड़ गयी हैं,
इसका रंग भी अब किसी को नहीं सुहाता,
मटमैला सा, समय के साथ पुराना सा !

पुरानी चादर और इसके छेद,
देख सकते हैं किसी छलित हर्दय में,

चलो, अब करते हैं कुछ खरीदारी,
कुछ नये भाव पहनते हैं,
आह्...!
नहीं, ये नए रंग...चकाचोंध करते रंग,
आदत नहीं मुझे इन बेईमानी रंगों की,

शायद छूट ना सकेगा मटमैला रंग,
आदत मेरी मतवाली,
सी लेता हूँ हर्दय,
ओढ़ लेता हूँ,
चादर मेरी पुरानी..!

मुश्किल हैं... डगर ये दुष्कर हैं,
हैं बड़ी निराली,
आदत भी हैं मेरी पुरानी !

बस कुछ दिनों की बात हैं,
कुछ दिनों की जाड़ो वाली रात हैं,
इक दिन नया सवेरा आयेगा,
अपने साथ सत्य का दौर भी लायेगा,
चहुँ और अपनी पताका फहरायेगा,
स्वत्र छल और फरेब का नाम मिट जायेगा,
मनुष्य मनुष्य से पहचाना जायेगा !!!

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16 SEP 2020 AT 10:44

क्यूं ठहर से गए हो उन रातों में

चलो इक नई रातों में इक नई यादें बनाते हैं

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20 AUG 2020 AT 13:37

नई सहर की नई शुरुआत करेंगे,
हारकर सोये थे,आज जीत का आगाज़ करेंगे

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