QUOTES ON #तनहाई

#तनहाई quotes

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25 APR 2020 AT 23:25

ए तन्हाई भी कोई कम नहीं है यारों
अक्सर उन्हीं की याद दिलाती है
जिन्हें हम भूलने की कोशिश करते हैं ।

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11 JAN 2022 AT 15:34

बहुत मशरूफ़ से हो गए हैं.. यह दिन-दोपहर ज़िन्दगी के
यह कितने अज़नबी से हो गए हैं.. सब पहर ज़िन्दगी के,

अपनों की ख़्वाईशें भी यह कितना... भगाती हैं
के ख़ुद के ख़्वाब सारे गए हैं ठहर.. ज़िन्दगी के,

यहाँ बहुत कम दिखते हैं.. वो गांब के परिंदे
जाने कहाँ... उड़के जा रहे हैं यह शहर ज़िन्दगी के,

जाने कहाँ गया वो सुकूँ-ओ-बख़्श से भरा मेरा आसमाँ
वो डूबते-उदय होते सूरज के.. वो शाम-ओ-सहर ज़िन्दगी के,

कमबख़्त.. जाने गमों में है क्या.. ख़ुशी ने मिलाया
के मीठे से लगते हैं अब यह ज़हर जिन्दगी के..!

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2 JAN 2017 AT 1:30

रहता हूँ अकसर मैं तनहाई के साथ, मुझसे तनहाई की तनहाई देखी नहीं जाती

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15 NOV 2020 AT 12:22

किसका तसव्वुर है.. क्यूँ है यह जनून ए दिल
पीछे-पीछे यूँ ख़्वाइशों के.. ना घूम ए दिल,

अंतहीन.. है यह मन की तृष्णा
कहीं भी नहीं है.. सुक़ून ए दिल,

सोचा नहीं था के उम्र.. इस मोड़ से भी गुजरेगी
जहाँ हर ख़ुशी से होगा.. तू महरूम ए दिल,

मूर्तियों में ही देखा है अबतलक उसको
यहाँ पत्थर ही हैं.. मख़दूम ए दिल,

ज़िन्दगी इक़ सफ़र.. है तन्हाई का
यूँ तो हर राह पे है.. हुजूम ए दिल!!

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10 AUG 2018 AT 10:35

वादा करो कि कभी एक साथ नहीं रूठना
मैं रूठ जाऊ, तो फिर तुम ना रूठना,

इश्क़ में आएंगे तूफान हिज्र के
नाजुक पलों में साथ ना छोड़ना

तन्हाईयाँ घेर लेती है,पाकर अकेला मुझे
मुझे एक पल भी तुम अकेला ना छोड़ना

डालेगें बेड़ियां मजहब की ये दुनिया वाले
हम परिंदे इश्क़ के,हमे क़बीला ना देखना

वफ़ा रही प्यार में तो शहर-ए-इश्क़ मिल जाएगा
तसर्रूफ़ात की दुनिया से हमे पता ना पूछना

मोहब्बत दिल मे रहे, दिमाग़ को पागल ना करे
लेकर कच्चा घड़ा,पानी में ना कूदना

टूट जाऊँगा कांच सा,साथ जो छोड़ दिया
इश्क़ के मारो में "मुनीश"का नाम ना जोड़ना

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1 FEB 2017 AT 21:59

सर्द तनहाइयाँ और तेरी यादों का कम्बल

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17 JUL 2020 AT 18:14

तेरे जैसा यार ए मेरी तन्हाई कोई ना इस जग में मेरा,
कोई ना देता साथ इस जग में ए मेरी तनहाई बस तू ही है,एक साथी मेरी जो आती हर पल काम,
सच बोलूं तो तुझसे अच्छा साथ ना निभाया किसी ने आज तक मेरा,एं मेरी तनहाई तू ही है मेरी सच्ची यार मेरी।।

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20 FEB 2020 AT 17:20

अरसा होगा तुझसे बातें किए
सच कहना यार...
अब तुझे मेरी याद बिलकुल भी नहीं आती नाह...

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21 AUG 2021 AT 10:52

खल रही है रात-दिन तेरी कमी मैं क्या करूँ,
मौत जैसी लग रही है ज़िन्दगी मैं क्या करूँ !

प्यार बनके जो फ़रिश्ते आसमां से आये थे,
आजकल लगने लगे हैं अजनबी मैं क्या करूँ !

देखते ही देखते बह जाएगी खुशियां सभी,
इन दिनों उफ़ान पर है एक नदी मैं क्या करूँ !

शोर करते हैं मेरे भीतर दबे जज़्बात अब,
चीखता है बेतहाशा ख़ामोशी मैं क्या करूँ !

खो गया है बादलों के दरमियां नूर-ए-कमर,
खा रही है रौशनी को तीरगी मैं क्या करूँ !

आज मैंने जला दिए है अरमान अपने
फ़िर जला दी एक चिट्ठी आपकी मैं क्या करूँ !

बेतहाशा प्यार बाँटा उम्र भर मैंने सदा
पर हिस्से में आई तन्हाई मैं क्या करूँ !



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24 JUL 2019 AT 23:39

भीड़ में कभी मुझे अकेला नहीं छोड़ती है,
सन्नाटे में भी अपने पास मुझे बुलाती है,
मेरी तनहाई भी कुछ तुम सी है,
नफ़रत में भी मुझसे दूर नहीं हो पाती है!

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