मैं शिष्य आपका गुरुवर,
मुझको गुर सिखला दो...!
मैं बालक हूं आपका,
मुझको सही राह बतला दो...!!
जिस पर चल मैं जीवन में,
आगे बढ़ सकूं...!
पाकर आपका आशीष,
कुछ इतिहास गढ़ सकूं...!!
अक्षरों का ज्ञान कराकर,
पूरा पाठ पढ़ाया है...!
छोटे-छोटे इम्तिहान लेकर,
मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है...!!
मात-पिता के बाद गुरु तुम,
भगवान का रूप कहलाते हैं...!
गुरु तेरे चरणों में हम शत-शत शीश नवाते हैं...!!
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