मोहब्बत क्या है, रूह तक सब कुछ खुलासा देखिए,
आप भी इस एहसास को एक बार जी के तो देखिए!
आएगी महक गुलाब की, नागफनी के फूलों से भी,
रखिये काँटो पर क़दम, और फूलों के निशाँ देखिये!
जिस्म के भूगोल से तू क्यों उलझा रहता यूँ हरदम,
उसकी तन्हा जिंदगी में खुद की जिंदगी तो देखिए!
ना हो तू हताश यूँ ही, तलाश शिद्दत से तो कर जरा,
सब्र की क्या हद होगी, थोड़ा बेसब्र हो कर भी देखिए!
कभी तो वो आएगी जिंदगी में, उम्मीदें बरकरार रख,
इंतजार के इस आलम को तारे गिन गिन कर देखिए!
क्यों है तू ऐसे दर-ब-दर, किस सुकून की तलाश हैं,
आएगा दिल को करार, उसे अपना बना के देखिए!
आएगा सावन "राज", तू बादल बन के तो बरस जरा,
रिमझिम होगी हयात की, उसमें अपना वजूद देखिए!
_राज सोनी
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